अयोध्या (Ayodhya) में दंगा कराने की साजिश रचने वाले गैंग के 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस छानबीन से पता चला है कि ये लोग बहुत ही सुनियोजित तरीके से मस्जिदों के सामने आपत्तिजनक चीजें, धार्मिक ग्रंथ और आपत्तिजनक पोस्टर लगाकर शहर को दंगे की आग में झोंकना चाहते थे.
हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए इन मंसूबों पर पानी फेर दिया. अयोध्या के पुलिस कप्तान शैलेश पांडे ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया इस पूरी घटना का सरगना महेश कुमार मिश्रा है जिसने दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई घटना के विरोध में दंगा कराने की साजिश रची थी.
कट्टरपंथ से पुराना नाता
मई 2016 में बजरंग दल के स्पेशल ट्रेनिंग कैंप में अयोध्या के कारसेवक पुरम में हथियारों बंदूकों के साथ ट्रेनिंग का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मुस्लिम धर्म और मुस्लिम लोगों को मारने काटने जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ था. इस वीडियो में महेश मिश्रा नजर आया था.
वीडियो वायरल होते ही प्रदेश और देश की सियासत में गर्मा गई. उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी जिसने इन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और सामाजिक घृणा फैलाने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर महेश मिश्रा को गिरफ्तार किया था.
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों में अपना योगदान देने के बाद के बाद महेश मिश्रा ने अपना खुद का संगठन- हिंदू योद्धा संगठन - बनाने का निर्णय लिया और उसने धार्मिक आधार पर लोगों को संगठित करने का तौर तरीका जो विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से सीखा था वह उसने अपने संगठन के लिए प्रयोग किया. कहा जाता है कि महेश मिश्रा ने प्रदेश स्तर पर अपने संगठन को विस्तार करने में बहुत हद तक सफलता पा ली थी.
बता दें कि, महेश मिश्रा के खिलाफ पहले से ही चार मुकदमे दर्ज हैं.
सोशल मीडिया पर देता है कट्टरता का 'ज्ञान'
महेश आए दिन अपने संगठन के कार्यों की जानकारी फेसबुक पर लाइव देता था. लोगों को धर्म के प्रति कट्टरता का ज्ञान देता था.
नवंबर 2020 के पहले सप्ताह में मथुरा में मुस्लिम धर्म के लोगों के द्वारा मंदिर में नमाज अदा करने के बाद महेश मिश्रा ने अयोध्या के मजारों पर हनुमान चालीसा का पाठ कर अपने फेसबुक अकाउंट से लाइव प्रसारित भी किया था.
महेश मिश्रा अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा है. उसके बड़े भाई बद्री मिश्रा उत्तराखंड में नौकरी करते हैं और उससे छोटा भाई विशाल अयोध्या शहर मैं ही एक पेंट की दुकान चलाता हैं. क्विंट हिंदी के संवाददाता ने जब महेश मिश्रा के बारे में पड़ताल शुरू की तो पता चला कि सोशल मीडिया पर इतना एक्टिव होने के बावजूद बहुत से लोगों को उनके घर के बारे में और उनकी निजी जीवन के बारे में किसी को पूरी जानकारी नहीं थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)