दावा
खबर माफिया नाम के एक पोर्टल ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी के एक कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में 11 बजरंगदल के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की रिपोर्ट पब्लिश की है. यह रिपोर्ट इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरुलिया जिले में त्रिलोचन महतो नाम के बीजेपी कार्यकर्ता की पेड़ से लटकी लाश मिलने के बाद कुछ दिनों बाद एक और बीजेपी कार्यकर्ता की लाश उसी जिले के दावा गांव में मिली थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी अपने राजनीतिक फायदे के लिए अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को मार रही है.
इस स्टोरी को फेसबुक पर भी शेयर किया गया
सच्चाई क्या है?
हमने इस न्यूज आइटम के कंटेंट की पड़ताल के लिए दूसरे सोर्स भी खंगाले. फिर ‘पश्चिम बंगाल में BJP ने ही कराई थी अपने कार्यकर्ता की हत्या’ की-वर्ड से गूगल पर सर्च किया. इस दौरान हमें एग्रीगेटर डेली हंट पर एक स्टोरी दिखी. इसकी डेटलाइन 4 जून थी.
फिर हमें NDTV की 27 जून 2018 की स्टोरी मिली जिसमें त्रिलोचन महतो की मौत को खबर थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि उसकी हत्या के आरोप में पुलिस ने पंजाबी महतो नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था. इसमें कहा गया था कि त्रिलोचन के परिवार वालों ने तृणमूल समर्थकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि बीजेपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता की गिरफ्तारी हुई है. साफ था कि दोनों बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत का मामला पुराना था. लेकिन अगला सवाल 11 बजरंग दल कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का था.
पुरानी झूठी खबर पब्लिश की गई थी
फिर हमें न्यूजलॉन्ड्री की एक स्टोरी मिली, जिसमें यह कहा गया था कि खबर गलत थी. यह न्यूज एजेंसी एएनआई की गलती से छपी थी. न्यूज एजेंसी ने बाद में यह खबर गिरा दी थी.
रिपोर्ट में कहा गया था कि एएनआई ने दो स्टोरी मिला दी थी. और इस तरह 11 बजरंग दल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार बता दिया गया था. लेकिन ये लोग रामनवमी के दौरान हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे. बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए नहीं.
कुछ मीडिया संगठन जैसे टाइम्स ऑफ इंडिया और डेक्कन क्रॉनिकल ने घटना की गलत रिपोर्टिंग की थी. हालांकि अब ये खबरें हटा ली गई हैं. लेकिन IB Times का एक वीडियो ऑनलाइन मौजूद है. जिसमें कहा गया है कि हाल में पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या में कथित तौर पर हाथ होने के आरोप में 11 बजरंग दल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों को मुर्शिदाबाद भेज दिया गया है.
इसी स्टोरी को मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जून 2019 में ट्वीट किया था. यह ट्वीट अब भी हटाया नहीं गया है
साफ है कि इस मामले को लेकर 2018 की एक पुरानी स्टोरी फैलाई जा रही है. लिहाजा इस दावे में कोई दम नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक फायदे के लिए अपने ही कार्यकर्ताओं की हत्या करवा रही है.