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कौन है नितिन संदेसरा? जो नीरव मोदी और माल्या की तरह देश से भागा 

नितिन संदेसरा 5700 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का मुख्य आरोपी है.

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भारत
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बैंकों से भारी लोन लेकर विदेश भाग जाने वाले कारोबारियों की लिस्ट में अब एक ताजा नाम जुड़ गया है. ये है गुजरात का एक बड़ा कारोबारी नितिन संदेसरा. नितिन 5700 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का मुख्य आरोपी है. पिछले महीने यह खबर आई थी कि उसे दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन बाद में पता चला कि ये खबर सच नहीं थी.

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक नितिन संदेसरा और उसका भाई चेतन संदेसरा अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नाईजीरिया में छिपा हुआ है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि कौन है नितिन संदेसरा? उसके कारोबार के तार कहां तक फैले हुए हैं, और क्या है धोखाधड़ी का ये पूरा मामला.

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हालांकि संदेसरा के नाईजीरिया में होने की खबर की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन अगर ये बात सही है, तो भारत सरकार के लिए उसे वापस लाना मुश्किल साबित होगा. वजह ये है कि नाईजीरिया के साथ भारत की कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है.

कौन है नितिन संदेसरा?

नितिन जयंतीलाल संदेसरा गुजरात के वडोदरा की फार्मासूटिकल कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड का मालिक है. संदेसरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के तहत नितिन और उसके भाई चेतन संदेसरा का कारोबार देशभर से लेकर विदेशों तक फैला हुआ है. भारत के अलावा नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, अमेरिका, सेशल्स और मॉरीशस में भी इनकी बहुत सारी कंपनियां चलती हैं. इनमें रियल इस्टेट समेत कई तरह के कारोबार शामिल हैं. दवा के कारोबार से शुरुआत करने वाले ये उद्योगपति भाई नाईजीरिया में कई तेल कुओं के मालिक भी हैं.

क्या हैं आरोप?

आरोप है कि 2004 से 2012 के बीच संदेसरा बंधुओं ने अपनी बनाई कई 300 से ज्यादा बेनामी और शेल कंपनियों के जरिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई बैंकों से 5700 करोड़ रुपये का लोन हासिल किया. इसके बाद फर्जी खरीद-बिक्री दिखाकर उस रकम को देश-विदेश स्थित अपनी कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया. आंध्रा बैंक की अगुआई में स्टेट बैंक, यूको बैंक, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिया गया यह लोन बाद में एनपीए घोषित कर दिया गया.

सीबीआई और ईडी ने स्टर्लिंग बायोटेक के डायरेक्टर, नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, दिप्ती संदेसरा, राजाभूषण दीक्षित, विलास जोशी, हेमंत हाथी, गगन धवन और अनूप गर्ग पर 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले के आरोप निर्धारित किए थे.

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इस मामले में पिछले साल दिल्ली के बिजनेसमैन गगन धवन, आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग और स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड के निदेशक राजभूषण दीक्षित को गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही नितिन और चेतन संदेसरा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है.

ग्रुप के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के बाद ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया. उसके जांच के दायरे में ग्रुप के 50 से ज्यादा विदेशी बैंक अकाउंट भी हैं. ईडी ने गगन धवन और अनूप गर्ग की 4700 करोड़ रुपए की संपत्ति को इस साल जून में जब्त कर लिया था.

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