ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत बायोटेक ने इंट्रानैसल वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए मांगी मंजूरी

भारत बायोटेक का कहना है कि वह पर्यावरण की देखभाल के लिए कुछ करने में विश्वास करता है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने सोमवार 20 दिसम्बर को भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DGCI) से कोविड (Covid) के खिलाफ अपने इंट्रानैसल वैक्सीन (बीबीवी 154) के तीसरे चरण के ट्रायल को बूस्टर के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी मांगी है.

सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "आवेदन दायर किया गया है और कंपनी ड्रग्स कंट्रोलर से मंजूरी का इंतजार कर रही है. इंट्रानैसल वैक्सीन (Intranasal Vaccine) उन लोगों को दी जाएगी. जिन्होंने पहले ही कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियानों में बूस्टर खुराक के रूप में इंट्रानैसल वैक्सीन को प्रशासित करना आसान होगा और इसमें वायरस के ट्रांस्मिशन को रोकने की क्षमता है. सूत्रों ने कहा कि एक इंट्रा-मस्कुलर और दूसरे नाक के संयोजन के इस्तेमाल से दी जाने वाली वैक्सीन एक इनोवेटिव एप्रोच है.

इस बीच सेंट्रल ड्रग्स स्टैण्डर्ड कण्ट्रोल आर्गेनाईजेशन (सीडीएससीओ) ने भारत बायोटेक के कोविड वैक्सीन कोवैक्सिन के शेल्फ जीवन की वैक्सीन की निर्माण की तारीख से 12 महीने तक के विस्तार को मंजूरी दे दी है.

एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के अनुसार भारत बायोटेक का कहना है कि वह पर्यावरण की देखभाल के लिए कुछ करने में विश्वास करता है. मल्टी डोज पालिसी कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स और मैनेजमेंट को कम करके खरीद एजेंसियों के लिए पैसे की बचत करती है. जिससे कार्बन फुटप्रिंट, खुली शीशी की बर्बादी, कोल्ड चेन वितरण, कोल्ड चेन स्टोरेज और बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल से संबंधित लागत में कमी आती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×