135 दिनों तक चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में ध्वजारोहण समारोह और सोनवार इलाके में शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित एक सार्वजनिक रैली के साथ संपन्न हुई.
लगातार हो रही बर्फबारी के बावजूद नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती ने स्थानीय वरिष्ठ नेताओं की रैली में भाग लिया.
रैली को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी संबोधित किया.
रैली में बोलते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें चेतावनी दी गई थी कि कश्मीर में उन पर हमला किया जा सकता है, लेकिन यहां के लोगों ने हैंड ग्रैनेड नहीं, बल्कि खुले दिल से प्यार दिया है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी के सदस्य जम्मू-कश्मीर में इस तरह नहीं चल सकते, क्योंकि वे डरे हुए हैं.
उन्होंने अपने पिता राजीव गांधी की हत्या को याद करते हुए कहा कि पुलवामा हमले में अपनों को खोने वालों का दर्द वह अच्छे से समझते हैं. उन्होंने इस अवसर पर एक पारंपरिक कश्मीरी फिरन पहना हुआ था.
उन्होंने कहा, मैंने अपने लिए या कांग्रेस के लिए यात्रा नहीं की, उद्देश्य उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा है जो देश की नींव को नष्ट करना चाहती है.
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दलों के एक दर्जन से अधिक नेता रैली में शामिल होने वाले है, लेकिन जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने और हवाई यातायात बाधित होने के कारण इसमें शामिल नहीं हो सके.
समारोह के लिए कुल 21 पार्टियों को आमंत्रित किया गया था। तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीडीपी उन दलों में शामिल हैं जो समारोह में शामिल नहीं हो सके.
पदयात्रा रविवार को लाल चौक इलाके में राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ संपन्न हुई, लेकिन आधिकारिक समापन सोमवार को हुआ.
कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा 7 सितंबर को देश के दक्षिणी छोर से शुरू हुई और 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 3,970 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त हुई.
यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने 100 से अधिक कॉर्नर मीटिंग और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
--आईएएनएस
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