दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद समेत तमाम दलित कैदी जेल अधिकारियों के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं. इनका आरोप है कि जेल अधिकारियों ने उन्हें वाल्मीकि जयंती मनाने की इजाजत नहीं दी.
हालांकि, तिहाड़ जेल अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज किया है. उधर, चंद्रशेखर के कई साथी इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर रहे हैं.
तिहाड़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें वाल्मीकि जयंती मनाने की इजाजत दी गई है. उन्होंने 'हवन' भी किया और मिठाई भी बांटी.
मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर का घेराव करने की धमकी
दलित समुदाय ने अब सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर का घेराव करने की धमकी दी है. चंद्रशेखर के ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में लिखा है-
तिहाड़ जेल की व्यवस्थाएं दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती है और यहां हमें वाल्मीकि जयंती मनाने से रोका जा रहा है. जेल में हमारे सभी लोग सुबह से भूखे हैं बिना जयंती मनाए खाना नहीं खाएंगे. केजरीवाल जल्दी व्यवस्था कराएं वरना दिल्ली भीम आर्मी आपका घर घेरने आ रही है.
भीम आर्मी के प्रवक्ता कुश अंबेडकरवादी ने कहा कि तिहाड़ जेल में दलित कैदियों ने शनिवार को जेल प्रशासन से मांग की थी कि उन्हें वाल्मीकि जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए महर्षि वाल्मीकि का एक पोस्टर दिया जाए. लेकिन जेल प्रशासन ने पोस्टर नहीं दिया. इसके बाद चंद्रशेखर आजाद के साथ सैकड़ों दलित कैदी जेल प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठ गए.
कुश ने दावा किया कि ये संविधान में लिखित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. दिल्ली के जेल मंत्री सत्येंद्र जैन और समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम दलितों के मुद्दों को लेकर मुखर रहते हैं.
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