ADVERTISEMENTREMOVE AD

भोपाल का हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब तक किसके नाम पर था और कौन थीं रानी कमलापति

हबीबगंज स्टेशन के लिए जमीन देने वाले भोपाल के नवाब हबीब मियां के नाम पर था अब तक स्टेशन, अब रानी कमलापति के नाम पर

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) स्थित हबीबगंज स्टेशन (Habibganj Station) का नाम अब रानी कमलापति (Kamlapati) के नाम पर रख दिया गया है. सोमवार 15 नवंबर को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टेशन का उद्घाटन करने पहुंचे. स्टेशन का नाम बदलने को लेकर आलोचनाएं और समर्थन एक तरफ हैं, लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि हबीबगंज स्टेशन अब तक किसके नाम पर था और अब जिन रानी कमलापति के नाम पर रखा गया वो कौन थीं?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसके नाम पर पड़ा हबीबगंज स्टेशन का नाम?

हबीबगंज स्टेशन का नाम भोपाल के नवाब हबीब मियां के नाम पर पड़ा, जिन्होंने 1970 के दशक में स्टेशन के विस्तार के लिए जमीन दान में दी थी. हबीबगंज स्टेशन का निर्माण 1979 में हुआ था. 1947 में जब देश आजाद हुआ तब भारतीय रेल का कुल नेटवर्क 55 हजार किलोमीटर था. 1952 को रेलवे के इस जाल को 6 जोनों में बांटा गया, कई स्टेशन बनाए गए. इन स्टेशनों में हबीबगंज भी शामिल था.

दरअसल, हबीब अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है प्यारा और सुंदर. इतिहासकार एक किस्सा ये भी सुनाते हैं कि, चूंकि ये इलाका हरियाली और झीलों के बीच बसा है, इसलिए भोपाल की बेगम ने इसका नाम हबीबगंज रखा था.

0

रानी कमलापति, जिनके नाम पर अब है स्टेशन

रानी कमलापति भोपाल रियासत की अंतिम गोंड रानी थीं. माना जाता है कि उन्होंने अपनी इज्जत की रक्षा के लिए जल समाधि ले ली थी. मध्यप्रदेश के इतिहास पर लिखी गई किताब चौथा पड़ाव के मुताबिक 16वीं सदी में सीहोर जिले की सलकनपुर रियासत के राजा कृपाल सिंह सरौतिया के यहां एक बेटी का जन्म हुआ. बेटी की सुंदरता को देखते हुए ही उसका नाम कमलापति रखा गया था. बाड़ी जिला रायसेन के शासक का बेटा चैन सिंह रानी कमलापति से शादी करना चाहता था लेकिन रानी ने उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

निजाम शाह से हुई थी रानी कमलापति की शादी 

भोपाल से तकरीबन 55 किलोमीटर दूरी पर बसे 750 गावों को मिलाकर गिन्नौरगढ़ रियासत/राज्य बनाया गया था. इस रियासत के राजा थे सूराज सिंह शाह. उनके बेटे निजाम शाह से ही रानी कमलापति की शादी हुई. लेकिन, चैन सिंह अब भी रानी से शादी करने की इच्छा रखता था. चैन सिंह ने निजाम शाह को खाने पर बुलाया और खाने में जहर देकर उनकी हत्या कर दी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रानी ने इज्जत बचाने के लिए ले ली थी जल समाधि

इसके बाद चैन सिंह ने रियासत पर हमला कर दिया. रानी कमलापति भोपाल के महल में छिप गईं. रानी ने अफगानियों के एक गुट के सरदार दोस्त मोहम्मद खान से मदद मांगी, उसे पैसा भिजवाया. दोस्त मोहम्मद ने चैन सिंह को तो मार गिराया लेकिन रानी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा और पूरी रियासत पर शासन करने की इच्छा जताई.

माना जाता है कि रानी ने परिस्थितियों को देखते हुए अपनी इज्जत बचाने के लिए तालाब का बांध खुलवाया और महल की सारी दौलत, आभूषणों के साथ तालाब में ही जल समाधि ले ली.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×