मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन के तीसरे फ्लोर पर सोमवार (12 जून) को भीषण आग लग गयी. आग से तीसरी, चौथी, पांचवीं और छठी मंजिल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई. हालांकि, 12 घंटे की कठिन मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया. लेकिन अब इस पूरे मामले के लेकर एमपी की सियासत गर्मा गयी है.
तीन दिन रिपोर्ट देगी कमेटी
वहीं, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी.
कमलनाथ ने उठाये सवाल
इस पूरे मामले पर ANI से बात करते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार पर निशाना साधा और इसे भष्टाचार का एक और उदाहरण बताया. उन्होंने पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की.
ये आग लगी है या लगाई गई? किस प्रकार से 12000 फाइल जल गई, इसका क्या लक्ष्य था? ये एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है. इसमें स्वतंत्र एजेंसी द्वारा पूरी जांच होनी चाहिए.कमलनाथ, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी आग लगने पर राज्य सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा है. जीतू पटवारी ने ट्वीट कर लिखा, "यह है हमारा स्वास्थ्य संचालनालय. राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन से इसका संचालन होता है! आज इसमें फिर आग लग गई!"
'आग लगी या लगाई गई है?'
जीतू पटवारी ने आगे कहा, "मेरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधा सवाल है-यह आग लगी है या लगाई गई है? क्योंकि आमतौर पर माना जाता है कि चुनाव के पहले सबूत मिटाने के लिए सरकार ऐसी 'हरकत' करती है! हार रही बीजेपी, अब यह भी बताए कि पुराने 'अग्निकांड' में दोषी कौन थे? किसे/कितनी सजा मिली?"
'घोटालों के कागजों को जलाने की साजिश?'
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट किया, "आज जब प्रियंका गांधी ने जबलपुर में संबोधित करते हुए घोटालों को लेकर हमला बोला तो सतपुड़ा भवन में भीषण आग लग गई. जिसमें महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गईं. क्या आग के बहाने घोटालों के दस्तावेजों को जलाने की साजिश है?."
CM ने बनाई जांच कमेटी
इससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को आग के प्रारंभिक कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति की घोषणा की.
कई बड़ी फाइलें हुई नष्ट!
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा, " नष्ट किए गए दस्तावेजों में सीबीआई द्वारा 'नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाले' की जांच के संबंध में मांगी गई कई फाइलें और कोविड-19 में पैसे के खर्च फाइलें शामिल हो सकती हैं."
सूत्रों की मानें तो, ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त की शिकायत शाखा में रखी फाइलें और दस्तावेज भी जला दिए गए थे.
TOI के अनुसार, कर्मचारियों के सेवा अभिलेख, स्थानांतरण एवं पदस्थापना आदेश, शिकायत पत्र, जांच संबंधी दस्तावेज, नर्सिंग स्टाफ अभिलेख, गोपनीय रिपोर्ट, सेवा पुस्तिका, साथ ही लोकायुक्त में दर्ज शिकायतों से संबंधित दस्तावेज और विधानसभा संबंधी जानकारी महत्वपूर्ण अभिलेखों में शामिल हैं, जो शायद खो गये हों.
कब और क्यों लगी आग?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इमारत की तीसरी मंजिल पर संचालित ट्राइबल वेलफेयर डिपार्टमेंट के ऑफिस में शाम करीब चार बजे आग लग गई और बाद में चौथी, पांचवीं और छठी मंजिल तक फैल गई. सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया और किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ.
ANI से बात करते हुए भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा, "प्राथमिक रूप से यह सामने आया है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट है, लेकिन इसकी जांच के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गई है."
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