कोरोना की दूसरी लहर में मौत के आंकड़ों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे. श्मशान से लेकर कब्रिस्तान में शव की लाइन लगी थी, और सरकारी आंकड़े कुछ और कह रहे थे. लेकिन अब बिहार (Bihar Corona Deaths) सरकार ने खुद माना है कि आंकड़ों में झोल हुआ था.
बुधवार को अचानक स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से मौत को लेकर नया आंकड़ा जारी किया. सरकार के मुताबिक बिहार में 5424 नहीं बल्कि 9375 (7 जून तक) लोगों की कोरोना से मौत हुई है.
बिहार स्वास्थ्य विभाग ने अतिरिक्त 3951 लोगों की मौत का नया आंकडे जोड़ा है. हालांकि इन आंकड़ों में यह नहीं बताया गया है कि ये अतिरिक्त मौतें कब हुईं.
कोरोना की दूसरी लहर में 8 हजार लोगों की मौत
नए आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर में मरने वालों की संख्या 8 हजार के करीब है. बिहार की राजधानी पटना में 2 301 लोगों की कोरोना के चलते मौत हुई है वहीं मुजफ्फरपुर जिले में 609 मरीजों ने दम तोड़ा है.
सिर्फ मौत ही नहीं ठीक होने वाले के आंकड़ों में भी हेरफेर
बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक होने वालों की संख्या मंगलवार को 701234 बताई थी, जिसे बुधवार को बदलकर 698397 कर दिया गया है. यानी ठीक होने वालों की संख्या बढ़ने की जगह कम हो गई. वहीं बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत मंगलवार को जहां 98.70 प्रतिशत बताया गया था उसे बुधवार को संशोधित करके 97.65 प्रतिशत कर दिया गया है.
सरकार ने क्या कहा?
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि हाईकोर्ट ने भी इस संबंध में आदेश दिया था. इसलिए 18 मई को ही बिहार सरकार ने कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर जांच कराने का फैसला किया था. जिसके बाद दो टीमें बनाई गई थीं. जिन्होंने अस्पतालों में हुए मौतों की रिकॉर्ड तैयार की. वहीं, दूसरी टीम ने उन मृतकों की रिपोर्ट तैयार की जिनकी मौत दूसरी जगहों जैसे आइसोलेशन सेंटर, होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर और अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में हुई.
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