भारत के 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. इसके साथ ही रावत ने कहा, "कुल मिलाकर सुरक्षा के लिहाज से सीमा पर - टकराव, उल्लंघन, अकारण सामरिक सैन्य कार्रवाई- बड़े संघर्ष का संकेत है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता." रावत ने कहा कि चीन अपने दुस्साहस का बुरा नतीजा भुगत रहा है.
शुक्रवार को चुशूल में भारत और चीन के बीच चल रही सैन्य वार्ता के बीच उनका यह बयान आया. वह दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज की ओर से आयोजित डायमंड जुबली वेबिनार, 2020 में बोल रहे थे.
हालांकि, रावत ने यह भी कहा कि भारत का रुख स्पष्ट है और वह “वास्तविक नियंत्रण रेखा में किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा.”
उन्होंने यह भी कहा कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को लद्दाख में अपने दुस्साहस के लिए अप्रत्याशित परिणाम का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि भारतीय बलों ने उनके हर कदम का करारा जवाब दिया है.
भारत और चीन के बीच कई महीनों से LAC पर गतिरोध जारी है. कई दौर की बातचीत के बावजूद अभी तक इसे खत्म करने में सफलता नहीं मिली है.
रक्षा सहयोग के बारे में, रावत ने कहा कि भारत रणनीतिक रूप से अहम देशों के साथ आपसी विश्वास और साझेदारी बनाने में रक्षा कूटनीति का महत्व समझता है.
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले सालों में, भारतीय रक्षा उद्योग तेजी से बढ़ेगा और समग्र रक्षा तैयारियों में योगदान देगा. जनरल रावत ने कहा, "उद्योग हमें पूरी तरह से भारत में निर्मित अत्याधुनिक हथियार और उपकरण उपलब्ध कराएगा."
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