बुधवार, 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश (Helicopter Crash) होने से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ कुल 13 लोगों की मौत हो गई.
इससे पहले एक बार और बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें वो बाल-बाल बच गए थे.
छह साल पहले, फरवरी 2015 के दौरान नागालैंड में बिपिन रावत का चीता हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
सालों पहले हुई इस दुर्घटना के दौरान लगभग 25 मीटर ऊंचाई से हेलिकॉप्टर जमीन पर गिर गया था, उसमें सवार लोगों को मामूली चोटें आई थीं.
उस वक्त जनरल बिपिन रावत दीमापुर के पास रंगपहाड़ में मुख्यालय वाली '3 स्पीयर' कोर की कमान संभाल रहे थे.
देश के पहले CDS थे बिपिन रावत
बता दें कि जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस (Chief Of Defence Staff) थे. 2019 में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा सेना का नया पद चीफ ऑफ डिफेंस बनाया गया था, जिस पर उनकी नियुक्ति हुई थी.
जनरल बिपिन रावत पिछले लगभग 40 से अधिक वर्षों से भारतीय फौज में अपनी सेवाएं दे रहे थे.
IAF ने दिए जांच के आदेश
बुधवार को हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद इंडियन एयफोर्स ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि CDS जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर IAF Mi-17V5 तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटना का शिकार हो गया.
इसी के साथ ये भी बताया गया कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
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