बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के ‘संपर्क फॉर समर्थन’ कैंपेन के तहत बुधवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. ये मुलाकात करीब पौने दो घंटे तक मुंबई में उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री में हुई.
इस मुलाकात को लेकर कहा जा रहा है दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक बातचीत हुई है. उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ समन्वय की कमी को लेकर नाराजगी जताई थी. इस पर अमित शाह ने जल्द से जल्द सुधार करने का वादा किया है.
दरअसल, सहयोगी दलों की नाराजगी का सामना कर रही बीजेपी डैमेज-कंट्रोल में जुटी हुई है. ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष शाह ने सहयोगी दलों को साधने के लिए खुद कमान संभाल ली है.
शिवसेना को मनाने की कोशिश
हाल के दिनों में शिवसेना और बीजेपी के बीच की तल्खी बढ़ी है. इससे पहले शिवसेना ने अपने सालाना कार्यक्रम में ऐलान किया था कि वह 2019 में एनडीए से अलग होकर चुनाव मैदान में उतरेगी. शिवसेना की ओर से केंद्र सरकार और बीजेपी पर बढ़ते हमलों के बीच अमित शाह के मातोश्री पहुंचने को शिवसेना को मनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान अमित शाह ने 2019 का चुनाव साथ मिलकर लड़ने पर जोर दिया. इसके अलावा अमित शाह ने शिवसेना को केंद्रीय कैबिनेट में महत्वपूर्ण पद देने का यकीन भी दिलाया.
इस मुलाकात को लेकर शिवसेना ने कहा है कि फिलहाल सब ठीक है. 19 जून को शिवसेना के स्थापना दिवस के मौके पर उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ आगामी गठबंधन को लेकर फैसला कर सकते हैं.
मुलाकात के पहले शिवसेना के तीखे तेवर
इससे पहले शिवसेना ने बीजेपी के संपर्क अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वो सभी चुनाव अकेले लड़ेगी.
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र में पूछा, ‘‘प्रधानमंत्री दुनियाभर में घूम रहे हैं और बीजेपी प्रमुख अमित शाह संपर्क कार्यक्रम के तहत देश का भ्रमण कर रहे हैं. शाह एनडीए के सहयोगियों से मुलाकात करेंगे. बहरहाल वो क्या करेंगे? वो इस समय बैठक क्यों कर रहे हैं जब बीजेपी को उपचुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा है.''
शाह के संपर्क अभियान का कारण 2019 के चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना हो सकता है लेकिन बीजेपी का लोगों से संपर्क खत्म हो गया है.
शाह और उद्धव का मिलना सियासी समझौता : कांग्रेस
कांग्रेस ने बीजेपी अध्यक्ष और शिवसेना प्रमुख की मुलाकात को 2019 के चुनाव से पहले राजनीतिक समझौता बताया है. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने दोनों दलों के बीच तकरार की खबरों को तवज्जो ना देते हुए कहा कि शिवसेना बीजेपी के साथ संबंध नहीं तोड़ेगी. उन्होंने कहा कि शिवसेना, बीजेपी से बेहतर सौदेबाजी के लिए दबाव की रणनीति के रूप में उसपर लगातार हमले करती है.
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