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नवाब मलिक को HC का निर्देश- अगली सुनवाई तक नहीं करेंगे वानखेड़े पर पर्सनल कमेंट

समीर वानखेड़े के पिता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

Published
भारत
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गुरुवार, 25 नवंबर को महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने बॉम्बे हाईकोर्ट को आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई तक, वो NCB जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और उनकी फैमली से संबंधित ट्वीट और कोई भी पब्लिक स्टेटमेंट नहीं देंगे. कोर्ट द्वारा नवाब मलिक का ये स्टेटमेंट स्वीकार किया गया.

रिपोर्ट्स के मुताबिक समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर थी कि उनके परिवार पर एनसीपी नेता नवाब मलिक द्वारा बयानबाजी न की जाए.

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ध्यानदेव वानखेड़े ने नवाब मलिक द्वारा आए दिनों की जाने वाली बयानबाजी पर रोक लगाने की मांग की थी.

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट द्वारा नवाब मलिक को इस संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं.

इसके बाद, जस्टिस एसजे कथावाला और जस्टिस एम एन जाधव की खंडपीठ ने अपील पर सुनवाई को नौ दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया.

22 नवंबर को, जस्टिस माधव जे जामदार की सिंगल-जज बेंच ने मलिक को प्रतिबंधित करने से इनकार करते हुए, सोशल मीडिया पर समीर वानखेड़े और उनकी फैमली से संबंधित किसी भी प्रकार के कन्टेंट को पोस्ट करने या मीडिया से बात करने से पहले फैक्ट्स की जांच करने का निर्देश दिया था.

ध्यानदेव ने यह भी दावा किया था कि नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के खिलाफ ट्वीट करना शुरू किया, जब उन्हें पता चला कि NCB के द्वारा आर्यन खान के बेल ऑर्डर के खिलाफ अपील करने की योजना बनाई जा रही है.

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गुरुवार, 25 नवंबर को ध्यानदेव वानखेड़े की ओर से एडवोकेट बीरेंद्र सरफ ने कहा कि नवाब मलिक द्वारा इस तरह के कमेंट करना सही नहीं था. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया हैंडल खुली तोपों को चलाने का एक मंच बन गया है, जहां कोई भी व्यक्ति कुछ भी बोल सकता है.

उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार नवाब मलिक ने डॉक्यूमेंट को बिना जांचे ट्वीट किया था, वो सही नहीं है. वह एक मंत्री हैं और उनको अपनी जिम्मेदारी समझते हुए काम करना चाहिए.

नवाब मलिक की ओर से एडवोकेट Karl Tamboly ने कहा कि जब कोर्ट द्वारा यह कहा गया था कि नवाब मलिक के द्वारा कथित जन्म प्रमाणपत्र ट्वीट किया गया था तो, उन्होंने सिंगल-जज बेंच के समक्ष अतिरिक्त डॉक्यूमेंट्स पेश किये थे.

जब बेंच ने पूछा कि क्या नवाब मलिक ने जाति प्रमाण पत्र से संबंधित शिकायत दर्ज की है, तो Karl Tamboly ने कहा नहीं अभी इसकी जांच चल रही है.

इस पर कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि तो फिर क्यों ट्वीट्स किए गए, नवाब मलिक क्या चाह रहे थे. क्या यह एक मीडिया पब्लिसिटी थी?
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एडवोकेट ने कहा कि नवाब मलिक ने आर्यन खान केस बाद ही ट्वीट किया था. इस बात पर जज ने सवाल किया कि आर्यन खान के मामले का उनसे क्या लेना-देना है? वह एक मंत्री हैं, क्या उन्हें यह सब करना शोभा देता है?

एडवोकेट टैम्बोली ने यह भी कहा कि नवाब मलिक सिंगल जज बेंच द्वारा कही गई बातों को चुनौती देते हुए अपील दायर करेंगे, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण ट्वीट किया था.

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