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नरसिंहानंद के खिलाफ अभियान के बाद आई 'बुल्ली डील्स': हैदराबाद एक्टिविस्ट

हैदराबाद में पत्रकार और मुस्लिम महिला आयशा मिन्हाज को भी ऐप में निशाना बनाया गया था.

Published
भारत
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67 वर्षीय मुस्लिम महिला और हैदराबाद (Hyderabad) की कार्यकर्ता खालिदा परवीन के लिए 'बुल्ली बाई ऐप' (Bulli Bai App) में उनका नाम ट्विटर हैंडल और तस्वीर शामिल है. इसने उनको हैरान नहीं किया.

उन्होंने कहा, "उन्होंने मुखर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया. यह कोई संयोग नहीं है कि मेरा नाम नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के लिए ट्विटर पर प्रचार करने के एक दिन बाद लिस्ट में आया."

परवीन ने सोमवार, 3 जनवरी को हैदराबाद पुलिस की साइबर क्राइम विंग में शिकायत दर्ज कराई. अब आईपीसी की धारा 509 (एक महिला की शील भंग करने का इरादा) और 345 डी (पीछा करना) और आईटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

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परवीन ने 17 से 19 दिसंबर 2021 के बीच हरिद्वार में हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने वाले संत नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ अभियान चलाया था.

हैदराबाद में पत्रकार और मुस्लिम महिला आयशा मिन्हाज को भी ऐप में निशाना बनाया गया था.

'वोकल मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करता है ऐप'

हैदराबाद के एक्टिविस्ट सर्किल में खालिदा आपा (बहन) के नाम से मशहूर परवीन करीब चार दशकों से मानवाधिकार एक्टिविस्ट हैं. उन्होंने कहा कि बुल्ली बाई ऐप विशेष रूप से मुखर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करती है, जिन्होंने अपनी आवाज ढूंढ ली है.

जब वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जा रही थी तब परवीन ने द क्विंट को बताया,"शाहीन बाग की मुस्लिम महिलाओं जिन्होंने महीनों तक एक साथ धरने पर बैठने के लिए अपना घर छोड़ दिया. उन्होंने देश को दिखाया कि मुस्लिम महिलाएं एक ताकत हैं. दक्षिणपंथियों के लिए ऐसी महिलाएं खतरा हैं चाहे वह ऑनलाइन हो या जमीन पर.

एक जनवरी को ऐप लॉन्च होने के एक दिन बाद दो जनवरी को नीलामी सूची में 67 वर्षीय परवीन का नाम आया था. परवीन ने कहा, " जब मेरा नाम भी सामने आया तब मैंने उन महिलाओं के लिए अपनी एकजुटता बढ़ा दी थी, जो पहले से ही लिस्ट में थीं. यह एक शॉक (हैरानी) के रूप में नहीं आया क्योंकि मुझे एहसास था कि उन्होंने मुस्लिम महिला कार्यकर्ताओं और सोशल मीडिया पर आवाज उठाने वालों को निशाना बनाया है. "

2 जनवरी को आयशा मिन्हाज के समर्थन में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद असदुद्दीन ओवैसी सामने आए थे.

मिन्हाज ने ट्वीट किया था, "भारत में एक मुस्लिम महिला होने की दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता यह है कि मैंने खुद को इससे भी बदतर के लिए तैयार किया है. कोई भी सावधानी हमें तब तक नहीं छोड़ेगी जब तक हम फासीवादियों को उखाड़ फेंक नहीं देते."

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परवीन ने जोर देकर कहा कि बुल्ली बाई ने उन महिलाओं को निशाना बनाया जिन्होंने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की मुखर आलोचना की है. टार्गेटेड लोगों में वे महिलाएं भी शामिल हैं जिन्होंने हरिद्वार सम्मेलन की आलोचना की है जहां कथित तौर पर हिंदू साधुओं ने देश में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया था.

परवीन ने कहा, "उन्हें (आरोपी) एहसास हो गया है कि मुस्लिम महिलाएं सफलता हासिल करने तक घर वापस नहीं जाएंगी. इसलिए वे ऐसी महिलाओं को चुप कराना चाहती हैं."

उन्होंने कहा कि नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ उनके अभियान को ऑनलाइन पसंद किया गया था. "कई मुस्लिम महिलाओं, पुरुषों और अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा नरसिंहानंद के खिलाफ एक ऑनलाइन अभियान की अगुवाई करने के तुरंत बाद बुल्ली बाई दिखाई दीं. यह ऐप इस अभियान से ध्यान हटाने के लिए था."

परवीन ने हैदराबाद पुलिस को दी अपनी शिकायत में मामले के इस पहलू को शामिल करने का फैसला किया है.

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'मैं शर्मिंदा नहीं हूं'

अनुभवी कार्यकर्ता परवीन ने कहा कि 'नीलामी' ने उनके संकल्प को नहीं रोका है. उन्होंने कहा, "मैं शर्मिंदा नहीं हूं क्योंकि मेरी फोटो उस ऐप पर आ गई थी. जिन्होंने वहां फोटो लगाई शर्म उन्हें आनी चाहिए."

परवीन ने कहा कि चूंकि ऐप ने युवा और वृद्ध मुस्लिम महिलाओं दोनों को टारगेट किया है इसलिए यह मान लेना सुरक्षित है कि अपराधी चाहते हैं कि सभी मुस्लिम महिलाओं को चुप करा दिया जाए. "वे मेरे जैसी बड़ी उम्र की मुस्लिम महिलाओं से भी डरते हैं.,"

उन्होंने कहा कि जब उन्होंने हैदराबाद स्थित साइबर क्राइम पुलिस को अपनी तकलीफ बताई तो अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने कहा "हैदराबाद पुलिस ने ट्विटर पर मुझसे संपर्क किया और मुझे बिना किसी हिचकिचाहट के उनसे संपर्क करने के लिए कहा. अब तक प्रतिक्रिया अच्छी रही है. मुझे उम्मीद है कि पुलिस दोषियों को पकड़ लेगी."

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