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Bulli Bai केस |नीरज बिश्नोई ने पहले भी महिलाओं को ऑनलाइन निशाना बनाया है- पुलिस

मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई ने कई ट्विटर अकाउंट बनाए थे, जिनसे कई झूठे दावे किए जाते थे.

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गुरुवार, 6 जनवरी को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने असम के एक 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए 21 वर्षीय युवक नीरज बिश्नोई पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं.

आरोप है कि पिछले साल मई की शुरुआत में नीरज बिश्नोई ने एक महिला कांग्रेस नेता को निशाना बनाया था. नीरज पर यह कहने का भी आरोप है कि महिलाओं की नीलामी करने वाली गिटहब वेबसाइट के पीछे एक मुस्लिम शख्स का ही हाथ है.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 21 वर्षीय युवक का ऑनलाइन धोखाधड़ी और झूठ में लिप्त होने का इतिहास रहा है.

कई ट्विटर हैंडल चलाता था आरोपी

अधिकारियों का कहना है कि उसने पिछले आठ महीनो में करीब पांच ट्विटर हैंडल बनाए थे, जिनमें से एक अकाउंड से कथित तौर पर ये झूठ फैलाया गया था कि इस तरह के मामलों में एक मुस्लिम युवक का हाथ है.

जुलाई में, जब यूएस-आधारित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब पर होस्ट की गई वेबसाइट पर लगभग 50 से 80 मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया गया था, तो कई ट्वीट्स किए गए थे, जिसमें कहा गया था कि इसे 'जावेद आलम' नाम के एक व्यक्ति ने बनाया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार, 7 जनवरी को स्पेशल सेल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी नीरज बिश्नोई कथित तौर पर इस झूठ को फैलाने वालों में शामिल था, और वह पिछले मामलों में संलिप्त था.

जांच से पता चला है कि उसने पांच से अधिक ट्विटर हैंडल बनाए और जुलाई महीने से मुस्लिम महिलाओं की नीलामी करने वाले मामले के बारे में सक्रिय रूप से गलत सूचना फैला रहा था. उसके द्वारा यह ट्वीट किया गया था कि जावेद आलम नाम के एक व्यक्ति ने ‘बुल्ली बाई’ ऐप को बनाया था.
दिल्ली पुलिस अधिकारी

उन्होंने आगे बताया कि हमने वेबसाइट की कोड स्क्रिप्ट बरामद कर ली है, जिससे पता चलता है कि आरोपी नीरज बिश्नोई ने इसे पिछले साल नवंबर में बनाया था.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमें इस बात का संदेह है कि पिछले मामले (सुल्ली डील) में भी इसकी बड़ी भूमिका थी. उसके लैपटॉप की छान-बीन की जा रही है.

बता दें कि एसीपी रमन लांबा के नेतृत्व में एक टीम ने गुरुवार, 6 जनवरी को असम के जोरहाट जिले से आरोपी नीरज बिश्नोई को गिरफ्तार किया था. टीम ने पाया कि उसने 'गियू' (Giyu) नाम से कई ट्विटर अकाउंट बनाए थे.

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पहले से मामले में चल रही जांच में ट्विटर अकाउंट (@giyu007) सामने आया. उसने एक महिला रिपोर्टर के नाम से भी ट्वटिर प्रोफाइल बनाई और केस से संबंधित जांच कर रहे अधिकारियों को कॉल किया. इसके अलावा उसने कई पत्रकारों से संपर्क किया और नापाक इरादों के साथ फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की.
केपीएस मल्होत्रा, DCP, साइबर सेल

उन्होंने आगे कहा कि उस मामले में, उसने शिकायतकर्ता की तस्वीर पर अभद्र टिप्पणी की थी और उसकी 'नीलामी' करने के बारे में ट्वीट भी किया था.

महिलाओं को बनाता था निशाना

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिटहब मामले के अलावा, नीरज बिश्नोई का कथित तौर पर महिलाओं को ऑनलाइन निशाना बनाने का इतिहास रहा है. उसका एक ट्विटर हैंडल (@giyu2002) कथित तौर पर एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता को परेशान करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. इस मामले में शिकायत करने के बाद किशनगढ़ में एफआईआर भी दर्ज किया गया था.

नीरज बिश्नोई ने कथित तौर पर इस साल 3 जनवरी को एक और ट्विटर हैंडल (@giyu44) बनाया था, जिसके द्वारा उसने मुंबई पुलिस का मजाक उड़ाया था और निंदा की थी.
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DCP केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि कहा कि ट्विटर अकाउंट एक एजेंडे के तहत बनाया गया था ताकि मुंबई पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को कम किया जा सके और उसे पकड़ने के लिए कानूनी एजेंसियों को एक 'खुली चुनौती' दी जा सके. बनाए गए अकाउंट में उसने अपनी पहचान नेपाल के एक नागरिक के रूप में दर्शाने की कोशिश की थी.

बता दें कि बुधवार, 5 जनवरी को ट्विटर अकाउंट @giyu44 से ट्वीट किया गया था कि मुंबई पुलिस ने निर्दोषों को गिरफ्तार किया है. वह व्यक्ति मैं हूं जिसने ऐप बनाया है. ट्वीट्स के एक थ्रेड में उसने मुंबई पुलिस के द्वारा दो निर्दोषों को गिरफ्तार करने और उन्हें बदनाम करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा. उसने ट्वीट किया कि अगर कोई मेरे लिए फ्लाइट का बंदोबस्त करे तो मैं व्यक्तिगत रूप से सरेंडर कर दूंगा.

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