दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों के फांसी से रहस्यमय मौत मामले की जांच जारी है और हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने अब सबूत जुटाने के लिए राजमिस्त्री और उसकी बेटी समेत दूसरे कर्मचारियों से पूछताछ की है. इसी राजमिस्त्री ने उसके घर में 11 पाईप लगाए थे और उसकी बेटी गीता स्वयंभू साध्वी है जिससे ललित मिला था. खबरों के मुताबिक इस साध्वी से खुदकुशी करने वाले परिवार का छोटा बेटा ललित हाल ही में मिला था और उसने कहा था कि वो 10 जुलाई को फिर से मिलेगा. हालांकि, गीता ने पुलिस से कहा कि उसका इन मौतों से कोई लेना-देना नहीं है.
गीता का परिवार से क्या संबंध था?
एक अधिकारी ने कहा ,‘‘ इस परिवार के साथ गीता का संबंध ये था कि वो राजमिस्त्री की बेटी है. उसने पुलिस से कहा कि वो कभी ललित से नहीं मिली है. '' पुलिस 11 पाइपों का रहस्य भी नहीं हल कर पायी है जो दीवार के बाहर एक खाली जमीन की तरफ निकले हुए हैं. आत्महत्या करने वाले परिवार के रिश्तेदारों ने 11 पाइपों और मौत के बीच कोई संबंध होने से इनकार किया है.। इस में 11 परिवारों की मौत हुई जिनमें से 10 रविवार को फांसी के फंदे से लटके मिले थे जबकि परिवार की मुखिया 77 साल की नारायण देवी एक कमरे में मृत पड़ी मिली थी.
मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे परिवारवाले?
जांच में जुटी टीम अबतक इस बात पर सहमत है कि मनोवैज्ञानिक बीमारी से ये परिवार जूझ रहा था. परिवार ने धार्मिक अनुष्ठान के जरिए सामूहिक आत्महत्या को अंजाम दिया. एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को ये जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि 11 शवों के विसरा और विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अंतिम क्लोजर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इस परिवार के वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि परिजनों ने अपने घर के करीब के दुकान से पांच स्टूल और बैंडेज खरीदे और जिसका प्रयोग धार्मिक क्रियाकलापों में किया गया. यही समान घटनास्थल से भी प्राप्त हुए, जहां ये 11 शव बरामद हुए थे. ललित भाटिया और उसकी भतीजी प्रियंका ने रजिस्टर में कुछ नोट लिखे हैं जिसमें धार्मिक अनुष्ठानों के बारे में बताया गया, इसे सुसाइड नोट की तरह लिया गया.
ललित के कहने पर चलता था पूरा परिवार
जांचकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि प्लाईउड स्टोर चलाने वाला ललित ये आदेश देता था कि कैसे धार्मिक अनुष्ठान होगा और प्रियंका इसे रजिस्टर में लिखती थी. ललित और पूरा परिवार इस बात को मानते थे कि ललित को उनके पिता से दिशा-निर्देश मिलता था, जिनकी मौत 10 साल पहले हुई ती.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "रजिस्टर में लिखित बातों के अनुसार, ललित अपने मृत पिता की आत्मा के बस में था. यह एक प्रकार का मानसिक विकार है. हमने मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ से भी मदद ली. हम इस नतीजे पर पहुंचे कि ये साझा मनोवैज्ञानिक विकार का मामला है, जिसके कारण धार्मिक अनुष्ठान एक सामूहिक आत्महत्या का कारण बना." उनका मानना था कि इस क्रिया को करते हुए उनकी मौत नहीं होगी और गोपालदास (ललित के पिता) इनलोगों से मिलने आएंगे और सबको मोक्ष प्रदान करेंगे. परिवार ने अगले दिन के लिए सुबह का नाश्ता भी तैयार कर लिया था, जिसे रेफ्रीजरेटर में रखा गया था.
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