दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुराड़ी सामूहिक फांसी कांड की तह तक जाने के लिए मृत लोगों की मानसिकता का पता लगाने के लिए साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी कराने का फैसला किया है. यह जानकारी दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है.
साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी के जरिए परिवार के जीवित सदस्यों की मानसिकता और मृतकों की दिमागी हालत की मैपिंग की जाती है. पुलिस के मुताबिक, विशेषज्ञ मृतकों की मानसिकता के बारे में जानने की कोशिश करेंगे.
पुलिस को इस मामले में अब भी अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट मिलने का इंतजार है. पुलिस शवों का बिसरा भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेगी ताकि यह पता चल सके कि कहीं इन्हें जहर तो नहीं दिया गया.
क्या 4 'आत्माओं' ने ली 11 की जान?
क्राइम ब्रांच ललित के घर से मिले सभी रजिस्टरों को खंगाल रही है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है इस मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्राइम ब्रांच को ललित के घर से मिले एक रजिस्टर में कुछ अजीब तरह की बातें लिखी मिली हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9 जुलाई 2015 तारीख के साथ लिखे गए एक पेज में लिखा है, 'अपने सुधार की प्रक्रिया की गति बढ़ा दो... मैं तुम्हारा धन्यवाद करता हूं... तुम भटक जाते हो. फिर एक दूसरे की बात मानकर एक छत के नीचे आकर मेल मिलाप कर लेते हो... चार आत्माएं अभी मेरे साथ भटक रहीं हैं अगर तुम अपने में सुधार करोगे तो उन्हें भी गति मिलेगी.... तुम तो सोचते होगे कि हरिद्वार जाकर हम सब कुछ कर आएं तो गति मिल जाएगी... जैसे मैं इस चीज के लिए भटक रहा हूं, वैसे ही सज्जन सिंह, हीरा, दयानंद और गंगा देवी की आत्माएं भटक रही हैं.'
क्राइम ब्रांच रजिस्टर में दर्ज इन चारों नामों के बारे में भी ललित के रिश्तेदारों से जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है.
‘गुत्थी सुलझाने में जुटी क्राइम ब्रांच’
क्राइम ब्रांच को इस बात की जानकारी मिली है कि फंदा लगाने में इस्तेमाल दुपट्टे भी ललित के परिजन बाजार से खरीदकर लाए थे. घर से मिले रजिस्टर में भी इस बात का जिक्र है कि विशेष साधना के सातवें दिन 30 जून की आधी रात बरगद की जटाओं की तरह फंदे पर लटकने के लिए नए कपड़े का इस्तेमाल किया जाए.
पुलिस के मुताबिक, जो 10 लोग फंदे से लटके हुए मिले थे उनमें से अधिकतर ने अलग-अलग रंग के नए दुपट्टे और कुछ ने टेलीफोन के तार का इस्तेमाल किया था. ऐसे में क्राइम ब्रांच यह मान रही है कि ये दुपट्टे घर के आसपास के किसी कपड़े की दुकान से खरीदे गए. गुरुवार को क्राइम ब्रांच ने सुबह से शाम तक कपड़े की दुकान ढूंढने की कोशिश की, लेकिन पता नहीं लग पाया.
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