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बुराड़ी केस खुलासा: फांसी पर ही लटकने से हुई थी नारायण देवी की मौत

11 सदस्यों के शव में सबसे बुजुर्ग नारायण देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है.

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भारत
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दिल्ली के बुराड़ी में एक घर से मिले 11 सदस्यों के शव में सबसे बुजुर्ग नारायण देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उसकी मौत भी परिवार के दूसरे 10 सदस्यों की तरह ही फांसी पर लटकने से हुई है. उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्य एक जुलाई को एक साथ मृत पाये गये थे. इनमें से 10 के शव फंदे से लटक रहे थे, जबकि नारायणी देवी का शव मकान के दूसरे कमरे में फर्श पर पड़ा हुआ था. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है.

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शव के पास मिली थी बेल्ट

अधिकारी ने बताया कि नारायण देवी के शव के नजदीक एक बेल्ट मिली थी. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में किसी साजिश की आशंका से इनकार किया गया है और कहा गया है कि उसकी मौत लटकने के कारण हुई है. पुलिस को परिवार के दस दूसरे सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहले ही मिल गई थी.

अधिकारी ने कल कहा था कि चुंडावत परिवार के 10 दूसरे सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्टों में कहा गया है कि सभी की मौत लटकने से हुई है और कुछ खरोंचों के अलावा शवों पर चोट के कोई निशान नहीं पाये गये हैं. उन्होंने बताया, ‘‘अंतिम राय में कहा गया है कि परिवार के सदस्यों की मौत फंदे पर लटकने के कारण हुई है. ''

1 जुलाई को परिवार के 10 सदस्यों का शव छत से लगी लोहे की जाली से लटकते पाए गए थे. बुजुर्ग महिला नारायण देवी का शव दूसरे कमरे में जमीन पर पड़ा पाया गया था. मरने वालों में नारायण देवी की बेटी प्रतिभा (57) और उसके दो बेटे भावेश (50) और ललित (45) शामिल थे.

भावेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे नीतू (25), मेनका (23) और धीरेंद्र (15) भी मृत पाये गये थे. इसके अलावा ललित की पत्नी टीना (42) उसका बेटा दुष्यंत (15) और प्रतिभा की बेटी प्रियंका भी शामिल थे। प्रियंका की पिछले महीने सगाई हुई थी. पुलिस को 11 डायरियां भी मिली थी.

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मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे परिवारवाले?

जांच में जुटी टीम अबतक इस बात पर सहमत है कि मनोवैज्ञानिक बीमारी से ये परिवार जूझ रहा था. परिवार ने धार्मिक अनुष्ठान के जरिए सामूहिक आत्महत्या को अंजाम दिया. इस परिवार के वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि परिजनों ने अपने घर के करीब के दुकान से पांच स्टूल और बैंडेज खरीदे और जिसका प्रयोग धार्मिक क्रियाकलापों में किया गया. यही समान घटनास्थल से भी प्राप्त हुए, जहां ये 11 शव बरामद हुए थे. ललित भाटिया और उसकी भतीजी प्रियंका ने रजिस्टर में कुछ नोट लिखे हैं जिसमें धार्मिक अनुष्ठानों के बारे में बताया गया, इसे सुसाइड नोट की तरह लिया गया.

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