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बुराड़ी कांडः CCTV से खुलासा, चंद घंटे पहले आया था ‘मौत का सामान’

सीसीटीवी फुटेज से हुए नए खुलासे

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भारत
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दिल्ली के बुराड़ी में हुए सामूहिक खुदकुशी के मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस केस की गुत्थियां सुलझाने में जुटी क्राइम ब्रांच को बुधवार को दो ऐसे सबूत हाथ लगे हैं, जिनसे ये तस्वीर अब और साफ हो गई है कि परिवार के सभी 11 सदस्यों ने अंधविश्वास में आकर ही अपनी जान गंवाई थी. जुड़ती हुई कड़ियां बताती हैं कि पूरा परिवार ललित के निर्देशों का पालन कर रहा था.

क्राइम ब्रांच के हाथ एक ऐसा सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा है, जिसमें घटना की रात भाटिया परिवार की बड़ी बहू सविता और उसकी बेटी बाजार से प्लास्टिक के स्टूल लाते दिख रहे हैं. ज्वाइंट कमिश्नर क्राइम ब्रांच आलोक कुमार ने इसकी पुष्टि की है.

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आत्महत्या के लिए 30 जून की रात आए थे स्टूल

क्राइम ब्रांच की टीम इस सामूहिक खुदकुशी की गुत्थी को सुलझाने में जुटी हुई है. इसी सिलसिले में क्राइम ब्रांच की टीम ने बुधवार को ललित के घर के आसपास रहने वाले कई लोगों से बात की. क्राइम ब्रांच ने पड़ोसियों से सभी मृतकों के स्वभाव के बारे में जानकारी ली. इसी दौरान जब टीम बुराड़ी के संत नगर की गली नंबर 2 में पहुंची तो उन्हें वहां 4 सीसीटीवी कैमरे लगे दिखे.

चारों कैमरों की फुटेज खंगालने पर क्राइम ब्रांच को सनसनीखेज जानकारी हाथ लगी. ललित की दुकान के सामने लगे सीसीटीवी फुटेज में पाया गया कि 30 जून की रात 10.20 से 10.40 के दौरान भवनेश और ललित अपनी दुकानें बंद कर रस्सी और तार लेकर ग्राउंड फ्लोर से पहली मंजिल पर गए थे. इसके अलावा दूसरे सीसीटीवी फुटेज में भवनेश की पत्नी सविता और बेटी नीतू प्लास्टिक के स्टूल खरीदकर ले जाते दिखे. फर्नीचर की दुकान के मालिक ने भी इसकी पुष्टि की है. क्राइम ब्रांच का दावा है कि इन्हीं स्टूलों पर चढ़कर आत्महत्या की गई.

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सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, कब क्या हुआ?

  • रात 10 बजेः भाटिया परिवार की बड़ी बहू सविता अपनी बेटी नीतू के साथ स्टूल लेकर जाती दिखी
  • रात 10 बजकर 15 मिनटः ध्रुव और शिवम, ललित की प्लाईवुड शॉप से बिजली का तार लेकर जाते दिखे. इसी तार के जरिए परिवार के 10 लोग लटके पाए गए थे.
  • रात 10 बजकर 40 मिनटः घर के पास स्थित रेस्टोरेंट का डिलिवरी बॉय 20 रोटियों का ऑर्डर लेकर पहुंचा
  • रात 11 बजेः भवनेश अपने कुत्ते को टहलाने के लिए बाहर निकला. 11 बजकर 4 मिनट पर वह वापस लौट आया.
  • रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तकः पुलिस के मुताबिक, रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक ना कोई घर में दाखिल हुआ और ना ही कोई बाहर गया.
  • सुबह 7 बजकर 15 मिनटः पड़ोसी घर में दाखिल हुआ, जहां उसने 1 लोगों के शव लटकते हुए पाया.
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कमरे में बिस्तर के नीचे मिला एक और रजिस्टर

क्राइम ब्रांच की टीम को एक और रजिस्टर मिला है. बुधवार को यह रजिस्टर मकान की नए सिरे से तलाशी लेने के दौरान कमरे में बिस्तर के नीचे से मिला है. इसके अलावा पुलिस को कई डायरियां भी मिली हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जो रजिस्टर मिला है, उसमें साल 2007 से धर्म, अध्यात्म, पूजा-पाठ, ईश्वर भक्ति, परमात्मा जैसी वही बातें लिखी हैं, जो पहले मिले तीन अन्य रजिस्टरों में लिखी थीं.

इस चौथे रजिस्टर की लिखावट भी दूसरे रजिस्टरों से मेल खा रही है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, परिजनों और रिश्तेदरों से पूछताछ के बाद यह पता चला है कि ललित के जीवन पर उनके पिता भोपाल दास का गहरा प्रभाव था. भोपाल दास की साल 2007 में ही मौत हो गई थी. इसके बाद से ही ललित ने रजिस्टर लिखना शुरू कर दिया था.

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