संसद सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के समर्थन में बोलते हुए जेडीयू एमपी गिरधारी यादव खुद फंसते नजर आए. हालांकि, गनीमत रही कि स्पीकर ने चेतावनी देकर छोड़ दिया, वरना सांसद का भी मामला एथिक्स कमेटी में जाता और उनकी सदस्यता पर भी कार्यवाही की तलवार लटक जाती.
लोकसभा में क्या हुआ?
दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार (8 दिसंबर) को लोकसभा में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द कर दी गई. इससे पहले उन पर लगे कैश फॉर क्वेरी के आरोप की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. इस पर बहस चल ही रही थी कि बिहार के बांका लोकसभा सीट से जेडीयू सांसद गिरधारी यादव खड़े हुए और महुआ के बचाव में अपना पक्ष रखना शुरू कर दिया.
"मैंने डर से प्रश्न नहीं किया"
JDU MP गिरधारी यादव ने कहा, "पासवर्ड महुआ मोइत्रा के पास था, भले ही लॉगिन कहीं से भी हुआ है. हमारा भी पासवर्ड मुझे याद नहीं है, मेरे पीए के पास है. मैंने लोकसभा में डर से कोई प्रश्न नहीं किया, पता नहीं क्या हो जाएगा."
आज तक मेरा प्रश्न दूसरा करता था, मैं तो कभी बनाता ही नहीं था, बहुत सारे सांसद नहीं बनाते, बहुत बुद्धिमान होंगे जो दो घंटे में पढ़ लिये. हम लोग भी पढ़-लिखे लोग हैं, नहीं पढ़ पाये. मैं अपना प्रश्न कभी नहीं करता हूं, मेरा पीए और मेरा स्टाफ करता है. मैंने इस बार डर से एक भी सवाल नहीं लगाया, लोकतंत्र में डराया गया है.गिरधारी यादव, सांसद, जेडीयू
"हम बुढ़ाई में सीख सकते हैं क्या?"
जेडीयू सांसद यहीं नहीं रूके. उन्होंने आगे कहा, "हमको कंप्यूटर चलाना नहीं आता है. हम तीसरी बार सांसद बनें है और चार बार एमएलए रहे हैं, हम बुढ़ाई में सीख सकते हैं क्या? हमने कोई प्रश्न ही नहीं किया. 377 के बारे में बड़ी मुश्किल से प्रश्न डाला था. नहीं जानते हैं तो नहीं जानते हैं. इसके पहले पूरा प्रश्न करता था."
मनुस्मृति में कहा गया है कि सबके लिए अलग कानून होगा, बीजेपी वहीं लागू करना चाहती है.गिरधारी यादव, सांसद, जेडीयू
"सांसद अपना सवाल खुद बनाएं"
वहीं, जेडीयू सांसद की बात सुनकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला हैरान हो गये. बिरला ने सांसदों से अपील की कि वे अपने प्रश्न खुद बनाएं और डालें. हमारे प्रश्न कोई नहीं बना सकता.
स्पीकर ने सांसद को दी चेतावनी
उन्होंने जेडीयू सांसद गिरधारी लाल यादव को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि आप पर इस बात को लेकर गंभीर कार्रवाई हो सकती है, आप ऑन रिकॉर्ड बोल रहे हैं कि आप अपने प्रश्न नहीं बनाते. मैं सभापति हूं, मेरी जिम्मेदारी है सदन की गरिमा को बनाए रखना.
हार्डकॉपी से भी पूछ सकते हैं सवाल
ओम बिरला ने विपक्ष के अन्य सांसदों से भी पूछा कि क्या आप लोग गिरधारी लाल की बात से सहमत हैं. जब कुछ सांसदों ने ये कहा कि ऑनलाइन प्रश्न करना ही नहीं आता तो कैसे करें…? इस पर स्पीकर ने कहा कि हार्ड कॉपी से भी सवाल पूछ सकते हैं, संसद में दोनों तरीकों से प्रश्न लगाए जा सकते हैं, या तो ऑनलाइन सवाल कीजिए या फिर हार्ड कॉपी से पूछिए.
इससे पहले जेडीयू सांसद ने कहा कि न्याय प्राकृतिक होना चाहिए. हम सांसद को बुलाते हैं लेकिन पूंजपति को नहीं बुलाते हैं, जो आरोप लगाता है.
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