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नोटबंदी के दिनों की याद फिर आई, लोगों की लंबी लाइन पर एटीएम खाली

पीएम मोदी के काशी में भी कैश की किल्लत

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भारत
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नोटबंदी के बाद एक बार फिर ATM में कैश का संकट गहरा गया है. देश के कई राज्यों में ATM में कैश न होने की वजह से नोटबंदी जैसे हालात बन रहे हैं. कई एटीएम के चक्कर लगाने के बावजूद लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा है. लोगों में मची अफरा-तफरी के बीच रिजर्व बैंक ने सफाई दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राज्यों में कैश की आपूर्ति दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए गए हैं.

आरबीआई ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही कैश की कमी की समस्या का निदान कर लिया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम, आंध्र, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लोगों के जरूरत से ज्यादा कैश निकालने की वजह से कैश की समस्या पैदा हुई है.

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ATM के कैशलेस होने की क्या है वजह?

ATM के कैशलेस होने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) ने बैंकों की साख को हिलाकर रख दिया है. इन्हें उबारने के लिए बैंक अकाउंट्स में जमा रकम के इस्तेमाल की अटकलों ने बैंक ग्राहकों को डरा दिया है. संभवतः इसी वजह से लोगों में पैसा निकालने की प्रवृत्ति एकाएक बढ़ गई है, जिससे 60 फीसदी ATM पर लोड चार गुना तक बढ़ गया है. इसके अलावा दो हजार के नोटों की बंद छपाई और 200 के नोटों के लिए ATM का कैलीब्रेट न होना भी बड़ी समस्या बन गया है.

बैंकों को घाटे से उबारने के लिए सरकार ने फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (FRDI) बिल पेश किया था. इसे संसद पटल पर लाने की तैयारी कर ली गई थी हालांकि बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. इस बिल में प्रावधान है कि अगर कोई बैंक किसी कारणवश वित्तीय संकट में फंस जाता है तो जमाकर्ताओं के पैसे से उसे उबारा जाएगा.

पीएनबी समेत कई बैंकों के घोटाले खुलने के बाद इस बात का खतरा बढ़ गया कि कई बैंक वित्तीय संकट में फंस सकते हैं. ऐसे में ग्राहक पहले की तुलना में ATM से ज्यादा मात्रा कैश निकाल रहे हैं और इससे ATM जल्दी खाली हो रहे हैं.

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वित्त राज्य मंत्री ने बताई कैश किल्लत के पीछे की वजह

वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने कैश की किल्लत के पीछे की वजह बताई है. शुक्ला ने कहा है कि कुछ राज्यों में कैश ज्यादा है, जबकि कुछ राज्यों में कैश की कमी है. इसी वजह से कम कैश वाले राज्यों में कैश की किल्लत हुई है.

उन्होंने कहा, 'फिलहाल हमारे पास 1,25,000 करोड़ रुपये की कैश करंसी है. कैश की किल्लत के पीछे एक समस्या है, वो ये कि कुछ राज्यों में कैश की किल्लत है और कुछ राज्यों में ज्यादा कैश है. सरकार ने राज्यों में कमेटियां गठित की हैं और आरबीआई ने भी कमेटी गठित की है, जोकि एक राज्य से दूसरे राज्यों में कैश ट्रांसफर करेगी. इस समस्या से निपटने में कम से कम तीन दिन लगेंगे.’

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ATM के कैशलेस होने के पीछे ये भी हो सकती है वजह

  • बैंकों में लगातार बढ़ रहे एनपीए की वजह से ग्राहकों में घबराहट
  • इसी घबराहट की वजह से ATM और बैंकों से ज्यादा से ज्यादा पैसा निकालना
  • 200 के नोट के लिए ज्यादातर AMT का कैलीब्रेट न होना
  • 2000 के नोटों की छपाई करीब-करीब बंद होना
  • मार्केट में मौजूद 2000 के नोटों का जमा करना
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काशी में भी कैश की किल्लत

कैश की किल्लत से पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र काशी भी जूझ रहा है. वाराणसी के लोगों का कहना है, ‘हमें नहीं मालूम कि कहां और क्या समस्या आ रही है. लेकिन आम आदमी को बहुत परेशानी हो रही है. ATM में कैश ही नहीं है. हम सुबह से 5-6 ATM के चक्कर लगा चुके हैं. हमें बच्चों की फीस जमा करनी है, राशन खरीदना है, सब्जियां खरीदनी हैं....लेकिन हमारे पास पैसा नहीं है.’

ATM में कैश न होने को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है. उनका कहना है कि वह अपना खुद का पैसा भी नहीं निकाल पा रहे हैं.

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