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CVC के सामने पेश हुए CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा, आरोपों को नकारा 

CVC ने अब तक CBI के कई अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है और उनके बयान लिए हैं.

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भारत
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सीबीआई में मचे अंदरूनी घमासान के बाद छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा शुक्रवार को एक बार फिर सेंट्रल विजिलेंस कमीशन की इंक्वायरी कमेटी के सामने पेश हुए. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस ए के पटनायक भी मौजूद थे, जिन्हें कोर्ट ने इंक्वायरी की निगरानी करने के लिए नियुक्त किया है.

पीटीआई ने सीबीआई अधिकारियों के हवाले से बताया है कि वर्मा ने अपने जूनियर और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की ओर से अपने ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को खारिज किया है.

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गुरुवार को भी वर्मा ने CVC कमिश्नर केवी चौधरी और विजिलेंस कमिश्नर शरद कुमार से मुलाकात की थी. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक गुरुवार को सीवीसी की इंक्वायरी कमेटी में एक विजिलेंस कमिश्नर गैर मौजूद थे. लिहाजा आलोक वर्मा शुक्रवार को दोबारा सीवीसी के सामने पेश हुए, जहां उनसे पूछताछ की गई.

इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई में जारी गतिरोध पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि सीबीआई चीफ का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है. इसलिए सीबीआई चीफ को काम करने रोकने के लिए बीजेपी सरकार जानबूझकर तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है.

खबर है कि गुरुवार को राकेश अस्थाना भी सीवीसी के सामने पेश हुए थे और अपना पक्ष रखा. सीबीआई चीफ आलोक वर्मा के खिलाफ राकेश अस्थाना की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच पूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर को सेंट्रल विजिलेंस कमिशन को 2 हफ्ते का समय दिया था.

कई अधिकारियों से हुई है पूछताछ

मामले की जांच कर रहे सेंट्रल विजिलेंस कमिशन ने वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए अब तक एजेंसी के इंस्पेक्टर से एसपी स्तर तक के कई अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया और उनके बयान लिए हैं. सीवीसी ने मोइन कुरैशी केस, आईआरसीटीसी स्कैम, केरल में पशु तस्करी जैसे मामलों से जुड़े अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि वर्मा के खिलाफ आरोपों की सीवीसी की जांच की निगरानी अदालत के रिटायर्ड जज जस्टिस ए के पटनायक करेंगे. आलोक वर्मा ने उन्हें ड्यूटी से हटाने और छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद कोर्ट ने सीवीसी से 2 हफ्ते के अंदर जांच पूरी करने को कहा था.

बता दें कि सीबीआई के दो टॉप अधिकारियों के बीच हुए विवाद के बाद राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. साथ ही सीबीआई के एक अधिकारी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार भी किया गया था. विवाद बढ़ने पर दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया.

मोदी या कोई और सरकार में CBI को चंगुल से आजाद करने की दिलेरी नहीं

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