सरकार ने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में लड़कियों को शामिल करने का बड़ा ऐलान किया है, केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (National Defence Academy) में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एश्वर्या भाटी ने कोर्ट में कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब लड़कियों को एनडीए में प्रवेश दिया जाएगा. हम इससे संबंधित एक विस्तृत हलफनामा पेश करेंगे.
सरकार का यह रुख तब आया जब अदालत दिल्ली के वकील कुश कालरा की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें महिलाओं को एनडीए का हिस्सा बनने के अवसरों से वंचित किए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.
यह याचिका महिलाओं के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर दायर की गई थी.
याचिका में क्या कहा गया है?
कालरा द्वारा जनहित याचिका (PIL) में कहा गया है कि पात्र महिला उम्मीदवारों को एनडीए में प्रवेश से बाहर करना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है. यह केवल उनके लिंग के आधार पर किया जाता है.
यह भी आरोप लगाया गया कि महिलाओं को एनडीए में शामिल होने के समान अवसर से वंचित करके महिलाओं की कानूनी, सामाजिक और आर्थिक हीनता को नहीं बनाए रखना चाहिए.
30 जुलाई को याचिका पर सुनवाई के बाद पूर्व सीजेआई एसए बोबडे ने इस संबंध में केंद्र को नोटिस जारी किया था.
वर्तमान समय मे महिलाएं रक्षा बलों में कैसे शामिल होती हैं?
सेना, वायु सेना और नौसेना ने 1992 में महिलाओं को शॉर्ट-सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारियों के रूप में शामिल करना शुरू किया और पुरुष अधिकारियों के विपरीत स्नातक होने के बाद ही एसएससी के जरिए सेना में प्रवेश कर सकते हैं.
फिर उन्हें अधिकारियों के रूप में नियुक्त होने से पहले 10 महीने से एक वर्ष तक के आवश्यक प्रशिक्षण को पूरा करने की आवश्यकता होती है.
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