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चेन्नई में अमोनिया गैस लीक, आंखों-सीने में जलन की शिकायत, 52 लोग अस्पताल में भर्ती

गैस रिसाव से आक्रोशित लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया और प्लांट को बंद करने की मांग की.

Published
भारत
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चेन्नई में एक फर्टिलाइजर मैन्युफेक्चरिंग प्लांट से अमोनिया गैस लीक होने लगी. गैस रिसाव के कारण स्थानीय लोगों ने सांस लेने में तकलीफ और मिचली की शिकायत की. जिसके बाद में 52 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया. घटना से आक्रोशित लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया और गैस प्लांट को बंद करने की मांग की.

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तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) ने कहा कि रिसाव को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और चिंता की कोई बात नहीं है. अधिकारियों ने ये जानकारी दी.

एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया, "विशेषज्ञों द्वारा 20 मिनट के भीतर गैस रिसाव को बंद कर दिया गया. टीएनपीसीबी ने पुष्टि की है कि अब अमोनिया गैस का रिसाव नहीं हो रहा है." गैस रिसाव के बाद, टीएनपीसीबी ने अमोनिया अपतटीय पाइपलाइन के ऑपरेशन को तत्काल स्थगित करने का आदेश दिया.

नो ऑबजेक्शन रिपोर्ट मिलने के बाद ही शुरू होगा प्लांट

नोटिस में कहा गया कि पाइपलाइन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य निदेशालय से नो ऑबजेक्शन रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद ही इकाई में काम शुरू होगा. इसके अलावा संयंत्र को अन्य निर्देशों के साथ भारतीय शिपिंग रजिस्टर और तमिलनाडु समुद्री बोर्ड से भी अनुमति लेनी होगी.

विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि सरकार ने मामले की जांच और 24 घंटे के भीतर तत्काल मूल्याकंन रिपोर्ट और तीन दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट सौंपने के लिए विशेषज्ञों की एक तकनीकी समिति गठित की है.

गैस रिसाव से आक्रोशित लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया और प्लांट को बंद करने की मांग की.

गैस प्लांट के बाहर प्रदर्शन करते लोग

(फोटो: PTI)

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'आंखों, गले और सीने में 'जलन'-आधी रात को घरों से बाहर निकले लोग

गैस रिसाव 26 दिसंबर को देर रात 11.45 बजे के आसपास हुआ और आधी रात को समुद्र तट पर मौजूद कुछ मछुआरों और स्थानीय लोगों ने समुद्र से गुजर रही पाइपलाइन के ऊपर कुछ स्थानों से असामान्य आवाजें और पानी के बुलबुले को देखा. कुछ ही समय बाद उत्तरी चेन्नई के इलाकों में अमोनिया गैस फैल गई और लोगों को गंभीर परेशानी हुई.

आंखों, गले और सीने में 'जलन' महसूस होने के बाद कई लोग बेहोश हो गए. बहुत से लोग सो रहे थे और अमोनिया की गंध आने के बाद घबरा कर जाग गए और अपने घरों से बाहर निकल आए.

लोगों को आधी रात में परिवहन खोजने में कठिनाई हुई और अस्पतालों तक पहुंचने के लिए ऑटोरिक्शा और मोटरसाइकिल जैसे जो भी वाहन उपलब्ध थे, उनका इस्तेमाल किया.

गैस रिसाव से आक्रोशित लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया और प्लांट को बंद करने की मांग की.

विपक्ष ने सरकार की अलोचना की, मुआवजे की भी मांग

अन्नाद्रमुक प्रमुख और विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने इस घटना के लिए द्रमुक की सरकार की आलोचना की और कहा कि टीएनपीसीबी अधिकारियों को तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उचित निवारक कदम उठाने चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से प्रभावित लोगों को राहत देने की भी मांग की.

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