डीएमडीके के संस्थापक-नेता और लोकप्रिय तमिल एक्टर विजयकांत का बीमारी के बाद गुरुवार (28 दिसंबर) को चेन्नई में निधन हो गया. वह 71 साल के थे.
इससे पहले, पार्टी ने अपने आधिकारिक 'X' हैंडल पर एक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी कि विजयकांत को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था.
PM मोदी- राहुल गांधी ने जताया दुख
उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर लाया गया और उसके बाद डीएमडीके कार्यालय ले जाया जाएगा.
विजयकांत के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन सहति कई नेताओं ने शोक जताया.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, "विजयकांत जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ. तमिल फिल्म जगत के एक दिग्गज, उनके करिश्माई प्रदर्शन ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया. एक राजनीतिक नेता के रूप में, वह सार्वजनिक सेवा के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध थे, जिसने तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा. उनका निधन एक खालीपन छोड़ गया है, जिसे भरना मुश्किल होगा."
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अभिनेता और डीएमडीके प्रमुख कैप्टन विजयकांत के निधन पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया. उन्होंने 'X' पर लिखा, "DMDK संस्थापक, तिरु विजयकांत जी के निधन से गहरा दुख हुआ. सिनेमा और राजनीति में उनके योगदान ने लाखों लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है. इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना."
तमिलानाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन चेन्नई में डीएमडीके प्रमुख कैप्टन विजयकांत के आवास पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी.
इससे पहले नवंबर में तबीयत बिगड़ने पर विजयकांत को चेन्नई के एमआईओटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. खांसी और गले में दर्द के कारण वह 14 दिनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रहे.
'कैप्टन' के नाम से मशहूर विजयकांत तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार थे. राजनीति में आने से पहले उन्होंने 154 फिल्मों में अभिनय किया.
2006 में एक सीट, 2011 में मुख्य विपक्षी दल बना DMDK
नादिगर संगम (आधिकारिक तौर पर साउथ इंडियन आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (SIAA) के रूप में जाना जाता है) में एक पद पर रहते हुए, विजयकांत ने दक्षिण फिल्म उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव लाए. उन्होंने 2005 में देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कजगम (DMDK) की स्थापना की.
2006 में, DMDK ने सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और कुल वोट शेयर का केवल 10 प्रतिशत हासिल किया. हालांकि, संस्थापक-नेता को छोड़कर पार्टी का कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं सका.
2011 में, डीएमडीके ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा और 41 निर्वाचन क्षेत्रों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से 26 में जीत हासिल की.
कैप्टन की पार्टी ने 2011 में DMK से अधिक सीटें जीतकर इतिहास रचा और उस वर्ष प्रमुख विपक्षी पार्टी बनकर उभरी.
विजयकांत ने 2011-2016 तक तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया.
2014 में NDA के साथ लड़ा लोकसभा चुनाव
बाद में मतभेदों के कारण डीएमडीके ने AIADMK से नाता तोड़ लिया, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में डीएमडीके विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. इसलिए, पार्टी ने मुख्य विपक्षी दल होने का दर्जा खो दिया.
उन्होंने विरुधाचलम और ऋषिवंडियम निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए दो बार विधान सभा के सदस्य के रूप में कार्य किया.
डीएमडीके ने 2014 का संसद चुनाव एनडीए के साथ गठबंधन में लड़ा था लेकिन उसे भारी हार का सामना करना पड़ा और उसके वोट प्रतिशत में भारी गिरावट हुई थी.
इसके बाद 2016, 2019 और 2021 के चुनावों में, DMDK ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया क्योंकि विजयकांत अस्वस्थ्य रहने लगे थे.
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