अगर छठ के मौके पर आप बिहार के किसी शहर जाना चाहते हैं और अब तक आपने टिकट बुक नहीं कराया है, तो आखिरी मौका आपके सामने है. बस, आपने अब थोड़ी भी देर की, तो ये जेब पर तो भारी पड़ेगा ही, मौका भी आंखों के सामने से निकल जाएगा.
पटना जाने वाली फ्लाइट पर एक नजर
बिहार जाने वाली रेगुलर ट्रेनों की सारी सीटें 4 महीने पहले ही बुक हो चुकी हैं. ट्रेनों में तत्काल टिकट तो अब बड़े से बड़े जुगाड़ से भी मिलना मुश्किल है. साथ ही स्पेशल ट्रेनों की टाइमिंग पर आसानी से भरोसा नहीं किया जा सकता है. इसलिए अब हवाई यात्रा ही एकमात्र विकल्प दिख रहा है. अब जरा इस विकल्प पर एक नजर डालते हैं:
ट्रेवल साइट yatra.com पर नई दिल्ली से पटना जाने वाली फ्लाइट सर्च करने पर कई विकल्प दिख रहे हैं. चूंकि छठ पूजा में खरना (इस साल 12 नवंबर) का महत्व बहुत ज्यादा होता है, इसलिए कोई भी कम से कम खरना से पहले जरूर अपने गंतव्य तक पहुंचना चाहेगा.
फिलहाल सर्च में यात्रा की तिथि 12 नवंबर, सोमवार रखी गई है. 11 नवंबर का टिकट तुलनात्मक रूप से ज्यादा महंगा है, जबकि 13-14 नवंबर का टिकट सस्ता है. लेकिन पूजा बीतने के बाद जाने का क्या मतलब?
7,000 से लेकर 17,000 तक के टिकट
अगर हम टिकट की कीमत पर गौर करें, तो 12 नवंबर को सुबह से शाम के बीच इसमें भारी अंतर दिख रहा है. एक खास टेंडेंसी ये दिख रही है कि आम तौर पर सुबह का टिकट ज्यादा महंगा है, जबकि शाम का टिकट अपेक्षाकृत कम कीमत का है.
इसका लॉजिक यह है कि खरना पूजा शाम को ही होती है. अगर किसी को पटना तक ही जाना है, तो वह 4 बजे शाम की फ्लाइट लेकर भी पूजा में शामिल हो सकता है. अगर किसी को पटना पहुंचकर वहां से किसी और शहर का रुख करना है, तो उसे हर हाल में सुबह की ही फ्लाइट लेनी होगी.
नॉन स्टॉप और स्टॉपेज वाली फ्लाइट के बीच भी बड़ा फर्क दिख रहा है. किसी-किसी फ्लाइट में सीटों की संख्या 2-4 ही बची दिख रही है. ऐसे में टिकट का दाम भी काफी ऊंचा है.
छठ व्रत, 2018: किस दिन कौन-सी पूजा
- 11 नवंबर: नहाय-खाय
- 12 नवंबर: खरना
- 13 नवंबर: सायंकालीन अर्घ्य
- 14 नवंबर: प्रात:कालीन अर्घ्य
अब आगे का फैसला आपके हाथों में है. सूर्य और पष्ठी माता की पूजा के महापर्व छठ की शुभकामनाएं.
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