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Chhattisgarh Naxal Attack: 10 DRG जवान शहीद, सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे ये सवाल?

Chhattisgarh Maoist Attack: दंतेवाड़ा की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं, जिसका जवाब सरकार और प्रशासन को देना होगा.

Published
भारत
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छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक सड़क पर 15 से 20 फीट गड्ढे, हवा में उड़े गाड़ी के परखच्चे और 10 जवान की शहादत. यह बताने के लिए काफी हैं कि दंतेवाड़ा में जो हुआ वो कितना भयावह था. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर से 450 किलोमीटर दूर स्थित दंतेवाड़ा क्षेत्र में हुई घटना ने कई सवाल भी खड़े कर दिये हैं.

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घटना के बाद उठे सवाल?

  • घटना अरनपुर पुलिस स्टेशन और समेली में CRPF कैंप के बीच हुई है. घटनास्थल की दूरी दोनों ही सुरक्षा बलों के कैंप और पुलिस स्टेशन से 10 KM के करीब है. ऐसे में दोनों तरफ से सुरक्षा व्यवस्था होने के बाद भी नक्सलियों ने घटना को कैसे अंजाम दिया?

  • इतने जवानों का एक साथ मूवमेंट क्यों किया गया?

  • ये जवान किराए की गाड़ी से क्यों ले जाए जा रहे थे. इसकी सूचना नक्सलियों तक कैसे पहुंची?

  • ये जानते हुए कि जवान नक्सलियों से ही लोहा लेकर आ रहे हैं, तो इंटेलिजेंस क्या कर रहा था?

  • पिछले दिनों ही DRG के जवान शहीद हुए थे, तो सरकार और वरिष्ठ अधिकारी क्यों अलर्ट नहीं थे?

  • क्या स्थानीय प्रशासन के पास भी कोई गुप्ता सूचना नहीं थी, अगर थी तो उसने अलर्ट क्यों नहीं किया, अगर नहीं थी तो क्यों?

Chhattisgarh Maoist Attack: दंतेवाड़ा की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं, जिसका जवाब सरकार और प्रशासन को देना होगा.

हादसे में 11 लोगों की हुई मौत.

(फोटो एक्सेस बॉय क्विंट हिंदी)

ये वो सवाल हैं जिसका जवाब सरकार और प्रशासन को जल्द देना होगा. अब आइये आपको घटना के बारे में विस्तार से बताते और समझाते हैं. लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि घटना जिस क्षेत्र में हुई वो क्यों इतना हाईलाइटेड है?

छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रेड कॉरिडोर के अंतर्गत है. जिसे माओवादियों का प्रभाव क्षेत्र कहा जाता है. रेड कॉरिडोर का विस्तार 10 अधिक राज्यों में है. इनमें भी सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ हैं. यहां क्रमश: 22, 21, 19 और 16 जिले अतिवादी हिंसा की चपेट में रहे हैं.

दंतेवाड़ा राज्य के उन दस जिलों-बस्तर, बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, राजनांदगांव और सुकमा में से एक है, जो माओवाद से प्रभावित है.

Chhattisgarh Maoist Attack: दंतेवाड़ा की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं, जिसका जवाब सरकार और प्रशासन को देना होगा.

विस्फोट में वाहन के उड़े परखच्चे.

(फोटो एक्सेस बॉय क्विंट हिंदी)

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घटना कैसे हुई और कब हुई?

दंतेवाड़ा में हुए हादसे को लेकर बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी ने कहा,

"हमने एक सूचना पर अभियान चलाया था. अभियान पूरा करने के बाद टीम जब वापस लौट रही थी कि तभी वाहन IED की चपेट में आ गया. वाहन में 10 DRG (जिला रिजर्व गार्ड) जवान थे और एक वाहन चालक था."

NDTV की खबर के अनुसार, नक्सलियों ने 50 किलो IED से बारूदी सुरंग में ब्लास्ट कर दिया था, जिसके कारण इतना भयानक हादसा हुआ है.

बताया जा रहा है कि DRG के जवान अधिकतर बाइक से आना जाना करते हैं. लेकिन बुधवार को उन्हें किराये की चार पहिया गाड़ियों से लाया जा रहा था.
Chhattisgarh Maoist Attack: दंतेवाड़ा की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं, जिसका जवाब सरकार और प्रशासन को देना होगा.

विस्फोट के बाद सड़क पर हुआ 15-20 फीट गड्ढा.

(फोटो एक्सेस बॉय क्विंट हिंदी)

हालांकि, ये कोई पहला मौका नहीं है, जब छत्तीसगढ़ में ऐसा हादसा हुआ है. जानकारी के अनुसार, 2010 से अब तक राज्य में 13 ऐसे बड़े हादसे हो चुके हैं. लेकिन, इसके बावजूद मजबूत सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर तमाम दावे किये जाते हैं.

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