छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बलौदा बाजार स्थित जिला कलेक्टर कार्यालय के आसपास 10 जून, सोमवार को एक उग्र भीड़ ने सरकारी इमारतों में आग लगा दी. हजारों की तादाद में मौजूद भीड़ ने कलेक्टर कार्यालय (डीएम ऑफिस) परिसर में खड़ी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया. भीड़ पिछले महीने जैतखाम में हुए तोड़फोड़ को लेकर नाराज थी और उसके विरोध में प्रदर्शन कर रही थी.
जानकारी के अनुसार जैतखाम (Jaitkham) सतनामी समाज का सफेद ध्वज है, जो खंबे में लगा होता है. इसे छत्तीसगढ़ में पवित्र प्रतीक माना जाता है.
क्या है पूरा मामला?
सतनामी समाज के धर्म स्थल गिरौदपुरी धाम के पास 15-16 मई को कुछ शरारती तत्वों ने तोड़फोड़ की. छतीसगढ़ में गिरौदपुरी धाम से लगभग पांच किलोमीटर दूर एक मानाकोनी बस्ती में बाघिन गुफा है. आरोप है कि इसी स्थल पर जैतखाम और पूजा स्थल में तोड़- फोड़ की गई. 15 जून की रात में असामाजिक तत्वों ने सुनियोजित ढंग से तीन जैतखाम को आरी से काट-काट कर फेंक दिया. हालांकि, घटना कि शिकायत दर्ज होने पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन लोगों का आरोप है कि जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, वो असली आरोपी नहीं हैं.
इसके बाद से ही सतनामी समाज मामले की जांच की मांग कर रहा था. इसी सिलसिले में प्रदर्शनकारी जब सीबीआई जांच की मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे तो वहां बैरिकेटिंग कर के उन्हें रोकने की कोशिश की गई. इसी बीच पुलिस के साथ धक्का-मुक्की शुरु हुई और मामला बिगड़ता चला गया.
भीड़ ने सारी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए आसपास के कार्यालयों में आग लगा दी. उग्र भीड़ ने इसके बाद कई गाड़ियों में भी आग लगा दी, उनमें तोड़फोड़ भी की. तहसील कार्यालय, एसपी कार्यालय, जिला पंचायत और कलेक्टर कार्यालय में आगजनी, तोड़फोड़ की ख़बर पहुंचने के बाद आनन-फानन में दमकल विभाग की सात गाड़ियां मौके पर पहुंची लेकिन उग्र भीड़ ने दमकल की दो गाड़ियों को भी फूंक दिया.
गौरतलब है कि सतनाम पंथ एक धार्मिक आंदोलन है जिसकी स्थापना छत्तीसगढ़ के 19वीं सदी के धार्मिक नेता घासीदास ने की थी. इस संप्रदाय में ज़्यादातर दलित शामिल हैं.
गृह मंत्री बोले जज करेंगे मामले की जांच
राज्य में हुई हिंसा पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिंता जताते हुए समाज के लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की.
सतनामी समाज के सीबीआई जांच की मांग को ध्यान में रखते हुए. प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने घटना की न्यायिक जांच की घोषणा की है. यह न्यायिक जांच रिटायर्ड जज अथवा कार्यरत जज से कराई जाएगी. गृहमंत्री ने घटनास्थल के निरीक्षण के बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा,
"असामाजिक तत्वों द्वारा सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.कड़ी कार्यवाही की जाएगी. समाज के लोगो से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. घटना स्थल में साथ में कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल, टंकराम वर्मा, पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे."
गृह मंत्री का यह बयान प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश के बाद आया जब उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी कि उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब कर घटना की प्रारंभिक जानकारी ली है और घटना की रिपोर्ट भी मंगाई है.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि "यह ध्यान देने योग्य है कि गृह मंत्री विजय शर्मा ने पहले ही गिरौदपुरी के अमर गुफा मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं और सभी से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है."
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