चीन की सरकार ने शुक्रवार, 29 अप्रैल को ऐलान किया कि वह कुछ भारतीय छात्रों को चीन लौटने और अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति देगी. यह फैसला सरकार द्वारा कोरोना महामारी की वजह से दो साल से अधिक समय बाद लिया गया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारतीय छात्रों की वापसी की योजना पहले ही शुरू हो चुकी है और वे अब केवल भारत सरकार द्वारा चीन लौटने की योजना बनाने वाले छात्रों के नामों की लिस्ट उपलब्ध कराने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि
चीन महामारी की स्थिति में कुछ भारतीय छात्रों को वापस बुलाने के लिए तैयार है. पढ़ाई करने के लिए चीन लौटने वाले विदेशी छात्रों को संभालने में, हमें अंतरराष्ट्रीय महामारी की स्थिति, उभरती परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा.
महामारी की वजह से फंसे स्टूडेंट्स
कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए चीनी सरकार द्वारा दिसंबर 2019 में वीजा और फ्लाइट बैन लगा दिया गया था. इसके बाद 23 हजार से अधिक भारतीय छात्र, जिसमें से ज्यादातर मेडिकल छात्र थे वो भारत में फंस गए हैं.
भारतीय छात्रों ने चीन लौटने और अपनी कक्षाओं में फिर से शामिल होने के लिए कई अपीलें की थीं, लेकिन उन्हें ऑनलाइन क्लास लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बीजिंग ने भारतीयों के लिए फ्लाइट्स और वीजा पर बैन लगा दिया गया था.
चीन में काम करने वाले भारतीयों के सैकड़ों परिवार भी यात्रा प्रतिबंधों के कारण घर वापस आ गए हैं.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ ने कहा...
चीन, पढ़ाई करने के लिए चीन लौटने के बारे में भारतीय छात्रों की चिंताओं को अत्यधिक महत्व देता है. हमने भारतीय पक्षों के साथ अन्य देशों के छात्रों के चीन लौटने की प्रक्रियाओं को साझा किया है.
उन्होंने कहा कि भारत में चीनी दूतावास प्रक्रिया को सुगम बनाएगा और छात्रों को सुविधा प्रदान करेगा.
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