चीन (China) के साथ जब भी रिश्तो में खटास आती है, भारत (India) में चीनी सामान के बहिष्कार की मांग तेज होने लगती है. सरकार चीनी ऐप्स (Chinese Apps) पर बैन लगा देती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local) का नारा देते हैं.
लेकिन क्या वाकई भारत में चीनी सामान का इस्तेमाल कम हो गया है? क्विंट ने पटना के चांदनी मार्केट में जाकर इसका जायजा लिया. बाजारों में बड़ी मात्रा में अब भी चीनी लाइट और झालरे बिकती नजर आईं. माल की सप्लाई में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है.
सस्ता होने के कारण ज्यादा बिक रहा चीन का माल
पटना के चांदनी बाजार में ग्राहकों और दुकानदारों ने एक स्वर में बताया कि, एक तो चीन का माल ज्यादा मात्रा में मौजूद है. दूसरा भारतीय झालरों की तुलना में चीन का माल सस्ता है.
ग्राहकों का कहना है कि, कम पैसों में झालर लाइट की लेंथ भी ज्यादा मिलती है. अगर भारतीय माल भी इसी बजट आए तो ग्राहक चीन का सामान न लेकर भारतीय सामान खरीदेंगे.
पटना की तरह देश के अन्य बाजार भी चीनी लाइट्स और झालरों से गुलजार नजर आ रहे हैं और भारतीय झालरों के मुकाबले कम कीमत होने के कारण ग्राहकों का रुझान चीनी माल की ओर ज्यादा है.
चीनी सेना से सीमा पर भारतीय सेना का गतिरोध जारी है. पिछले साल गलवान वैली पर चीनी और भारतीय सेना की झड़प में भारतीय सेना के कई जवान शहीद हो गए थे. तब चीन के सामान का पूर्ण बहिष्कार करने की मांग ने जोर पकड़ा था. लेकिन फिर से एक बार चीनी सामान की खूब बिक्री और खरीदारी हो रही है.
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