भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने खुद को सीबीआई के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव के मामले की सुनवाई से अलग कर लिया है. इस मामले में एक एनजीओ की उस याचिका पर सुनवाई हो रही है, जिसमें उसने नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक तौर पर नियुक्ति को चुनौती दी है.
सीजेआई गोगोई ने बताया कि वह इस मामले की सुनवाई से खुद को इसलिए अलग कर रहे हैं क्योंकि वह सीबीआई के नए निदेशक को चुनने वाली कमेटी का हिस्सा होंगे.
पिछले दिनों हाई पावर कमेटी ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था. इसके बाद नागेश्वर राव को दोबारा इस एजेंसी का अंतरिम निदेशक बनाया गया था.
कॉमन कॉज ने दाखिल की है याचिका
एनजीओ कॉमन कॉज ने नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इसके साथ ही इस संगठन ने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट तंत्र को हटाने के निर्देश देने की भी गुहार लगाई.
याचिका में कॉमन कॉज ने दीं ये दलीलें
इस संगठन ने कहा था, "नागेश्वर राव की अंतरिम सीबीआई निदेशक के रूप में नियुक्ति उच्चस्तरीय चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर नहीं हुई है. 10 जनवरी, 2019 की तारीख वाले आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने पहले की व्यवस्थाओं के अनुसार नागेश्वर राव की नियुक्ति को मंजूरी दी है."
इसके साथ ही उसने कहा, ''राव को अंतरिम निदेशक बनाने वाले 23 अक्टूबर, 2018 के पहले के आदेश को कोर्ट ने 8 जनवरी, 2019 को रद्द कर दिया गया था, क्योंकि इसने डीपीएसई अधिनियम में परिभाषित सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया का उल्लंघन किया था."
एनजीओ के मुताबिक, सरकार ने अभी भी अपने पहले वाले आदेश को लागू किया हुआ है, जिससे राव को फिर से सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया है, जबकि वह आदेश रद्द कर दिया गया था.
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