जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि घाटी में सुरक्षाबलों पर पथराव करने वाले युवक हताशा में हैं. ऐसे युवकों की समस्याएं समझने के लिए बातचीत की जरूरत है.
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करने के बाद महबूबा ने संवाददाताओं से कहा-
हमें अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि वे दुख में हैं, वे हताशा में हैं. मेरा मानना है कि उनसे बात करने की जरुरत है, उनकी समस्याएं समझने की जरुरत है.
मुख्यमंत्री मुफ्ती ने यह भी कहा कि कानून व्यवस्था की समस्याओं से निपटने के दौरान सुरक्षा बलों को भी धैर्य दिखाना होगा. उन्होंने कहा-
निश्चित तौर पर उसके बगैर कुछ नहीं होगा. सेना और सुरक्षा बलों को धैर्य दिखाना होगा और वो धैर्य दिखा रहे हैं.
महबूबा ने कहा कि घाटी में युवाओं की बेरोजगारी और अशांति सरकार के समक्ष सबसे बडी चुनौती है. उन्होंने कहा कि पत्थर उठाने वाले युवक एक बड़ा मुद्दा हैं. मेरी सरकार जिस सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही है उसमें बेरोजगारी और युवकों की अशांति है. यह पिछले एक दो सालों में पैदा नहीं हुई है. अशांति पिछले कई सालों से है.
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