हैदराबाद में कांग्रेस की CWC बैठक (Congress CWC Meeting) में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने केंद्र की बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि "मणिपुर की आग को मोदी सरकार ने हरियाणा के नूंह तक पहुंचा दिया. यहां, हिंसा की वारदातें हुईं, जिस कारण राजस्थान, UP और दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव फैला."
"ये घटनाएं आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि पर धब्बा लगाती हैं. ऐसे हालात में सत्ताधारी दल, सांप्रदायिक संगठन और मीडिया का एक वर्ग, आग में घी डालने का काम करता है. देश का 'सर्वधर्म समभाव' बिगाड़ता है. हमें मिलकर ऐसी ताकतों को चिन्हित करके बेनकाब करते रहना है."
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी 10 सालों से केंद्र में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही है. देश की आम जनता के हक में कांग्रेस ने मोदी सरकार को कई महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए मजबूर भी किया. आज देश कई गंभीर आंतरिक चुनौतियों से जूझ रहा है.
देश की अर्थव्यस्था पर क्या बोले खड़गे?
हमारी अर्थव्यवस्था आज गंभीर खतरे में है. महंगाई से गरीबों और आम लोगों के जीवन पर संकट है. पिछले 5 सालों में एक साधारण थाली की कीमत 65 फीसदी बढ़ गयी है. 74 फीसदी लोग पौष्टिक आहार से वंचित हैं. दाल की कीमत एक साल में 37 फीसदी तक बढ गयी है."
"हमारे देश में 65 फीसदी आबादी नौजवान है. रिकॉर्ड बेरोजगारी दर उनके सपनों को लगातार रौंद रही है. युवाओं का भविष्य अंधकार में है. विचार करने की जरूरत है कि आज देश के टॉप 1 फीसदी सबसे अमीर लोगों के कब्जे में देश की 40 फीसदी दौलत है. निचले 50 फीसदी जनता के पास सिर्फ 3 फीसदी दौलत है. सरकारी नीतियों के कारण अमीर और अमीर हो रहे हैं, जबकि गरीब और गरीब हो रहा है. उनके बीच की खाई लगातार और गहरी हो रही है. इससे सामाजिक असंतोष और तनाव पैदा हो रहा है. ऐसी दशा सामाजिक-आर्थिक तरक्की की रफ्तार पर ब्रेक लगाती है."
"केंद्र सरकार डेटा का हेराफेरी कर रही है"- खड़गे का आरोप
खड़गे ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार डेटा की हेराफेरी कर रही है. 2021 का जनगणना न कराने से 14 करोड़ लोग फूड सिक्योरिटी एक्ट से और करीब 18 फीसदी लोग मनरेगा से बाहर हो गये. मनरेगा की मजदूरी महीनों पेंडिंग रहती है. हमारी मांग है कि 2021 जनगणना की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए. उसके साथ ही जातिगत जनगणना भी करायी जाए, ताकि समाज के रूरतमंद तबके को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार समेत दूसरे कर मिल सकें.
"पूंजीपति मित्रों के हाथों में बेची जा रहीं बहुमूल्य कंपनियां"
कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद बनी देश की बहुमूल्य PSUs को मोदी सरकार चंद पूंजीपति मित्रों के हवाले कर रही है. उनके फायदे के लिए नीतियां बदली जा रही हैं, उनके हक के कानून बन रहे हैं. पिछले दिनों PM के करीबी कारोबारी की कंपनियों में 20,000 हजार करोड़ रुपए का शेल कंपनियों द्वारा निवेश हुआ. इसका पर्दाफाश होने पर भी मोदी सरकार जांच नहीं करा रही है. सारे बड़े घोटालों पर सरकार मौन है, परदा डाल रही है.
"भारतीय जमीन पर चीनी कब्जा"
खड़गे ने आगे कहा कि राहुल जी की विस्तारित ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत लद्दाख में BJP के स्थानीय नेताओं ने उनको बताया कि चीन भारतीय हिस्से पर कैसे कब्जा कर रहा है, लेकिन मोदी सरकार चीन को लगातार क्लीन-चिट देती जा रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ऐसी लापरवाही बेहद निंदनीय है.
"पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भयावह प्राकृतिक त्रासदी आई. हमारी मांग है कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर केंद्र सरकार जरूरी मदद करे और पुनर्निर्माण में सहयोग दे. कई राज्य सूखे से जूझ रहें हैं. भारत सरकार अपने-पराये की राजनीति से हट कर किसानों-मजदूरों की मदद करे. जब भी विपक्षी दल इन बुनियादी मसलों को उठाते हैं तो सरकार जवाब देने की जगह नये नये हथकन्डे अपनाते हुए नए नारे देती है."
"आत्मनिर्भर भारत', 'न्यू इंडिया' नारों से देश की तरक्की नहीं होती"
उन्होंने आगे कहा कि “आत्मनिर्भर भारत”, 5 ट्रिलियन इकॉनोमी, न्यू इंडिया 2022 और “अमृतकाल” नारा दिया गया. आजकल “दुनिया की तिसरी अर्थव्यवस्था” का सपना सरकार बेच रही है. नारों से देश की तरक्की नहीं होगी. हमें जनता को समझाना होगा कि ये विफलताओं को छुपाने वाले नारे हैं. सरकार सोचती है कि इवेंट और विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च कर हिमालय जैसी नाकामियों को वो छिपा लेगी.
संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने पर क्या बोले खड़गे?
खड़गे ने आगे कहा कि आप सबको पता है कि 18 सितंबर से मोदी सरकार ने 5 दिनों का संसद का विशेष सत्र बुलाया है. लंबे सस्पेंस के बाद चंद बातें एजेंडे के तौर पर आयी हैं, जिसमें प्रमुख है चुनाव आयोग पर सरकार का पूर्ण नियन्त्रण. पर हमें सत्ता दल की मंशा पर सतर्क रहना होगा. ये सरकार विपक्ष विहीन संसद चाहती है. वो नहीं चाहती है कि उससे कोई सांसद, मीडिया या आम लोग सवाल पूछे. PM और BJP नेताओं के हमलों से हमारे INDIA गठबंधन की 3 बैठकों की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है. हमारा कारवां जैसे जैसे आगे बढ़ेगा, इनके हमले तेज होंगे.
"INDIA गठबंधन की मुंबई बैठक के बाद ED, IT, CBI को सरकार ने विपक्षी नेताओं से राजनीतिक बदला लेने के लिए लगा दिया है. ये स्वस्थ लोकतंत्र की भावना के खिलाफ हैं, लेकिन अफसोस कि यही हकीकत है. हम सब देख रहे हैं कि G-20 के आयोजन के बाद सरकार किस कदर खुद की वाहवाही में डूबी है. रोटेशन से होने वाली G-20 बैठक पर दिल्ली में 4,000 करोड़ रुपया खर्च हुआ और रोटेशन में अब G-20 की लीडरशिप ब्राजील को मिल गयी है."
खड़गे ने आगे कहा कि इस संबंध में मैं पंडित नेहरू के AICC के 1953 के हैदराबाद महाधिवेशन के भाषण की चंद लाइनें कोट करना चाहूंगा, जिससे पता चलता है कि उस दौर से ही भारत की दुनिया में कैसी हैसियत बनने लगा था. उन्होंने कहा था...
“यद्यपि हमारे पास न कोई बड़ी फौजी ताकत है और न आर्थिक या माली ताकत अच्छी हैं फिर भी कौमों की पंचायत में इस देश की इज्जत रोज-बरोज बढ़ रही हैं. आजादी हासिल हुए 5 साल हुए हैं, पर इतने थोड़े-से समय में हिंदुस्तान ने बड़ी इज्जत हासिल की है, जिसके साथ ही इस पर नई जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं. इतिहास में शायद ही इसकी कोई मिसाल हो, कि किसी देश ने आजाद होने के पांच साल के अंदर ही ऐसा महत्व हासिल किया हो.”
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