रमजान का महीना अब अपने अंतिम पड़ाव में है, ऐसे में अब कांग्रेस ने इफ्तार पार्टी के आयोजन का ऐलान किया है. 13 जून को दिल्ली के होटल ताज पैलेस में कांग्रेस इफ्तार का आयोजन करने जा रही है.
इसके लिए कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी की मंजूरी भी मिल गई है. राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला रमजान है. इफ्तार पार्टी की जिम्मेदारी कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत पर है. इंदिरा गांधी के जमाने से कांग्रेस रमजान में इफ्तार का आयोजन करती आ रही है.
इफ्तार के राजनीतिक मायने
माना जा रहा है कि इस इफ्तार पार्टी के जरिए कांग्रेस एक बार फिर विपक्षी एकता की ताकत को दिखाने की कोशिश करेगी. जिसके लिए विपक्ष के बड़े नेताओं को आमंत्रित भी किया जाएगा.
वहीं, पिछले कुछ दिनों से मीडिया में इस बात की हलचल थी कि कांग्रेस खुद पर लगने वाले मुस्लिम परस्त होने के आरोप को देखते हुए इस बार इफ्तार के प्रोग्राम से दूरी बनाएगी. लेकिन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन बातों को खारिज कर दिया और इफ्तार के आयोजन के लिए हां कह दी है.
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक राहुल की इफ्तार पार्टी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव भी शामिल हो सकते हैं.
2019 से पहले विपक्ष का इफ्तार
अभी हाल ही में एेसे कई मौके देखने को मिले हैं जिसमें कांग्रेस विपक्षी पार्टियों को एक जुट करने की कोशिश करती दिखी है. चाहे वो कर्नाटक चुनाव के बाद कुमारस्वामी का शपथग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं की एक दूसरे का हाथ थामें तस्वीरें. या फिर मार्च के महीने में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की डिनर पार्टी में 20 पार्टियों के नेताओं की मौजूदगी. और अब कांग्रेस की इफ्तार पार्टी. ये सब 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों की तरफ इशारा कर रही है.
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