कांग्रेस ने देश में कोरोनावायरस से जंग के लिए बने पीएम केयर्स ट्रस्ट फंड पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने कहा है कि जब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में 3800 करोड़ रुपये पहले से पड़े हैं तो फिर अलग से ट्रस्ट बनाने की क्या जरूरत थी.
कांग्रेस ने इस ट्रस्ट के नियम और खर्चों पर ट्रांसपरेंसी की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि अलग से पब्लिक चैरिटीबल ट्रस्ट बनाने के बजाय नरेंद्र मोदी को पीएम राष्ट्रीय राहत कोष का नाम बदल लेना चाहिए था.
नियमों में पारदर्शिता नहीं
थरूर ने ट्विटर पर लिखा, ‘’क्यों न PMNRF का ही नाम PM-CARES कर दिया जाए. एक्रॉनिम्स के प्रति पीएम की दीवानगी को देखते हुए यह ठीक रहेगा. लेकिन इसके बजाय एक नए ट्रस्ट का गठन कर लिया गया, जिसके नियमों और खर्चों में पारदर्शिता का घोर अभाव है. ‘’
गौरव वल्लभ ने पूछा,इस ट्रस्ट के ट्रस्टी कौन?
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने फिर यही सवाल उठाया है. उन्होंने भी कहा है कि पीएम राष्ट्रीय राहत कोष में 3800 करोड़ बगैर किसी इस्तेमाल के पड़े हैं. ऐसे में पीएम केयर्स फंड बनाने की क्या जरूरत थी. उन्होंने कहा कि क्या पीएम-केयर्स फंड एक ट्रस्ट है.अगर ट्रस्ट है तो इसके ट्रस्टी कौन हैं. क्या इसमें डोनेट करने वालों को टैक्स रिलीफ मिलेगी.
दरअसल इस कोष में हजारों करोड़ रुपए की दान राशि मिलने की संभावना है. पीएम मोदी ने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि हर भारतीय से मेरी अपील है कि, PM CARES Fund में दान दें.यह फंड इस तरह के हालातों से लड़ने के लिए हमेशा काम आएगा. इस घोषणा के बाद बड़ी संख्य़ा में उद्योगपतियों, कलाकारों, खिलाड़ियों और अन्य लोगों ने इसमें पैसा दिया था. टाटा संस और टाटा ट्रस्ट ने इस फंड में 1500 करोड़ रुपए दिए , वहीं गौतम अडानी ने इस फंड में 100 करोड़ रुपया जमा कराया. इसके अलावा कई कलाकारों ने भी पैसा जमा कराए हैं.
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