इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन को मिलाकर ज्यादा बेहतर नतीजे हासिल किए जा सकते हैं.
ICMR के अध्ययन में यह भी सामने आया कि एक एडिनोवायरस वेक्टर प्लेटफॉर्म आधारित वैक्सीन और इनएक्टिवेटेड वायरस वैक्सीन का मिश्रण दिया जाना ना केवल सुरक्षित है, बल्कि इससे ज्यादा बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होती है.
अध्ययन के मुताबिक कोविशील्ड और कोवैक्सिन का मिश्रण सुरक्षित था, इसमें सामने आने वाले प्रतिकूल प्रभाव सिंगल वैक्सीन को लगाने के जैसे ही थे. "सेरेंडिपिटियस कोविड-19 वैक्सीन मिक्स इन उत्तरप्रदेश, इंडिया: सेफ्टी एंड इम्यूनोजेनेसिटी एसेसमेंट ऑफ अ हेटेरोलोगस रेजीम" नाम का यह अध्ययन medRxiv पर अपलोड किया गया है.
उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में अनजाने में 18 लोगों को पहली डोज के तौर पर कोविशील्ड और दूसरी डोज के तौर पर कोवैक्सिन लग गई थी. इस अध्ययन के लिए इन 18 लोगों के साथ-साथ कोविशील्ड की दो डोज लगवाने वाले 40 और कोवैक्सिन की दो डोज लगवाने वाले 40 लोगों को शामिल किया गया था. यह अध्ययन मई से जून, 2021 के बीच किया गया.
दुनियाभर में वैक्सीन मिश्रण पर चल रही है चर्चा
पूरी दुनिया में वैक्सीन को मिलाए जाने की चर्चा जारी है, कई अध्ययनों में बेहतर प्रतिरोधक क्षमता के लिए दो वैक्सीनों को मिश्रित करने की सलाह दी गई है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे पहले सेंट्रल ड्रग्स स्टेंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने जुलाई में कोविशील्ड और कोवैक्सिन के मिश्रित ट्रायल की सलाह दी थी. इसे वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज द्वारा 300 स्वस्थ्य लोगों पर किया जाएगा.
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल भी पहले ही कह चुके हैं कि सैद्धांतिक तौर पर कोवैक्सिन और कोविशील्ड को मिलाने में कोई दिक्कत नहीं है. इस मामले में दूसरा डोज बूस्टर के तौर पर काम करेगा. लेकिन सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों को साफ निर्देश दिए हैं कि सभी लोगों के दोनों डोज एक ही वैक्सीन के होने चाहिए.
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