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कोरोना के रैपिड टेस्ट पर 2 दिन तक रोक, 1 दिन में ठीक हुए 702 मरीज

रैपिड टेस्ट किट में मिल रही है शिकायतें, आईसीएमआर करेगा दो दिन में जांच

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कोरोना वायरस की लेटेस्ट अपडेट के साथ सरकार की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि अब तक कोरोना से 3 हजार 252 लोग ठीक हो चुके हैं. सोमवार को 702 लोग ठीक होकर अपने घर गए. पिछले 24 घंटे में कुल 1336 नए केस सामने आए हैं. केंद्र सरकार की तरफ से ये भी बताया गया कि कोरोना से लड़ने के लिए हजारों की संख्या में वॉलिंटियर्स की जरूरत है. इन वॉलिंटियर्स के लिए एक खास पोर्टल भी बनाया गया है. वहीं राज्यों को दो दिन तक रैपिड टेस्ट किट को इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है.

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गृहमंत्रालय की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया गया कि लॉकडाउन को लेकर केंद्र की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई हैं. जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 20 अप्रैल से कुछ एक्टिविटीज की अनुमति दी गई है. राज्य सरकारों के साथ मिलकर गृहमंत्रालय लगातार स्थिति को मॉनिटर कर रही है. इसके साथ ही केंद्र की टीमों को चार राज्यों में भेजा गया है. उनके अनुभव को हम राज्यों के साथ साझा करना चाहते हैं.

मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि कई जिलों की समीक्षा के दौरान ये सामने आया है कि कई सेक्टर्स में अच्छी शुरुआत हुई है. कई राज्यों में औद्योगिक गितिविधि, ईंट भट्टे, मनरेगा आदि का काम शुरू हो चुका है.

दो दिन तक रैपिड टेस्ट किट पर रोक

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि तीन जिले ऐसे हैं जहां पिछले 28 से एक भी केस नहीं आया है. अब इस लिस्ट में चौथा जिला प्रतापगढ़ भी जुड़ गया है. वहीं आईसीएमआर उपनिदेशक ने बताया कि आज तक 4 लाख 49 हजार 810 टेस्ट किए जा चुके हैं. वहीं अकेले 35 हजार 852 टेस्ट सोमवार को किए गए. इसके अलावा उन्होंने रैपिड टेस्ट किट्स को लेकर राज्यों के लिए एक बड़ी जानकारी दी. उन्होंने कहा,

रैपिड टेस्ट किट्स को लेकर कुछ शिकायतें सामने आ रही हैं. इसके लिए अगले दो दिन में हम अपनी टीम को फील्ड में भेजेंगे. जिसमें वो फील्ड में ही रैपिड किट्स की जांच करेंगे. अगले दो दिन में हम इसे लेकर क्लियर एडवाइजरी जारी करेंगे. अगर बैच में दिक्कत होगी तो उसे बदला जाएगा. अगले दो दिन तक राज्य इसका इस्तेमाल ना करें.
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लाखों वॉलिंटियर्स को दी जा रही ट्रेनिंग

सरकार की तरफ से बताया गया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वॉलिंटियर्स लगातार जुड़ रहे हैं. इस लड़ाई में उन्हें मार्केट में सोशल डिस्टेंसिंग, कंटेनमेंट जोन में सामान पहुंचाना, मंडियों में सुरक्षा का खयाल रखने जैसे काम करने होंगे. इसीलिए इसके लिए igot.gov.in नाम से एक पोर्टल बनाया गया है. जिसके तहत कभी भी कोई भी ट्रेनिंग ले सकता है. अब तक इसमें 14 ट्रेनिंग कोर्स हैं. इसमें कई तरह की चीजों को लेकर ट्रेनिंग दी जाती है. इसे अब हर भाषा में ट्रांसलेट करने की कोशिश हो रही है.

अब तक एक लाख 31 हजार 440 यूजर्स इस पोर्टल में रजिस्टर हो चुके हैं. इसमें से 84 हजार से भी ज्यादा लोगों ने ट्रेनिंग पूरी कर ली है. केंद्र की तरफ से बताया गया कि फिलहाल 550 जिलों में करीब 40 हजार वॉलिंटियर्स काम कर रहे हैं. वहीं हजारों एनसीसी कैडेट भी कई जिलों में काम कर रहे हैं. 1 लाख से ज्यादा पूर्व सैनिकों को भी तैनात किया जा रहा है.

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