कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया है. वहीं, लॉकडाउन के बाद गांव से दूर शहरों में काम करनेवाले मजदूर घर वापस जाना चाहते हैं. लेकिन प्रशासन सख्ती से उन्हें रोकना चाहती है. क्योंकि बाहर निकलने से मजदूरों के संक्रमित होने का खतरा है. इस बीच गुजरात के सूरत शहर में कथित तौर पर लॉकडाउन का उल्लंघन और पुलिस पर हमले के आरोप में 93 प्रवासी कामगारों को गिरफ्तार किया गया है.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा सूरत के पंडेसरा इलाके में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग रहते हैं, यहीं पर गणेश नगर और तिरुपति नगर इलाके हैं. वे यहां पावरलूम और कपड़े की फैक्ट्रियों में काम करते हैं.
पुलिस उपायुक्त विधि चौधरी ने 30 मार्च को यह जानकारी देते हुए कहा कि
‘गणेश नगर और तिरुपति नगर इलाकों में रह रहे लगभग 500 प्रवासी कामगार रविवार रात सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए. वे अपने गांव जाने के लिये गाड़ी उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे.’
'सुरक्षाकर्मियों पर किया पथराव'
पुलिस उपायुक्त ने कहा, पुलिस जब उनसे घरों में रहने का अनुरोध कर रही थी तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया. पथराव में पुलिस के कई वाहनों को नुकसान हुआ. पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिये आंसू गैस के 30 गोले छोड़े. इस दौरान उनकी गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई.
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि कुछ उपद्रवियों को रविवार रात जबकि कुछ को सोमवार को गिरफ्तार किया गया.
उन्होंने कहा, ''हमने 500 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और 93 लोगों को गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ दंगा, पुलिस पर हमला, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं और पाबंदियों के उल्लंघन के लिये खिलाफ महामारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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