ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है कोविड सेंटर घोटाला? शिवसेना UBT के करीबियों का नाम, ED कर रही छापेमारी

Covid Centre Scam: जिन लोगों के यहां रेड हो रही है उनमें आदित्य ठाकरे और संजय राउत के करीबी सहयोगी भी शामिल हैं.

Published
भारत
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

COVID-19 Centre Scam: इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने जंबो कोविड सेंटर घोटाले के सिलसिले में बुधवार, 21 जून को 15 जगहों पर छापेमारी की. BJP नेता किरीत सोमैया ने दावा किया है कि यह 100 करोड़ रुपये का घोटाला है, जबकि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इसे 38 करोड़ रुपये का बताया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसकी प्रोपर्टी पर छापेमारी हुई ?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ED ने जिन स्थानो पर छापेमारी की है, उनमें उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबी सूरज चव्हाण का चेंबूर स्थित घर और शिवसेना (UBT) के एक अन्य नेता संजय राउत के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर का सांताक्रूज स्थित घर भी शामिल है.

जांच एजेंसी ने एक IAS अधिकारी संजीव जायसवाल की संपत्ति की भी तलाशी ली है. संजीव जायसवाल बृहन्मुंबई नगर निगम के अतिरिक्त नगर आयुक्त थे. इसको अलावा लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के साथ-साथ कथित घोटाले में शामिल ठेकेदारों और बिचौलियों की भी तलाश की जा रही है.

कब दर्ज हुआ था मामला?

ED की BMC के "जंबो" कोविड केंद्रों से संबंधित कथित घोटाले की यह जांच पिछले साल, अगस्त 2022 में, आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले के सिलसिले में है. अक्टूबर 2022 में मामला EOW को ट्रांसफर कर दिया गया था.

क्या है पूरा मामला?

कोविड-19 महामारी के दौरान BMC द्वारा मुंबई में फील्ड अस्पताल बनाएं जा रहे थे. BJP का आरोप है कि शिव सेना के नेताओं से जुड़े लोगों को ऊंची रेटों पर ठेके दिए गए, और इन लोगों को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कोई पहले का अनुभव भी नहीं था.

किन-किन लोगों का नाम शामिल?

24 अगस्त 2022 की FIR में लाइफलाइन अस्पताल प्रबंधन सेवा और इसके साझेदारों के नाम हैं. जिनमें सुजीत मुकुंद पाटकर, डॉ. हेमंत रामशरण गुप्ता, संजय मदनलाल शाह और राजू नंदकुमार सालुंखे शामिल हैं. जनवरी में EOW ने लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज को की गई डील और भुगतानों से संबंधित डिटेल ली थी.

क्या हैं आरोप?

सोमैया ने अपनी पुलिस शिकायत में जो आरोप लगाया है. उनमें, फर्म को उसके पार्टनरशिप डीड और जाली दस्तावेजों के आधार पर ठेका मिला था. उनका यह भी आरोप है कि कंपनी ने BMC से यह भी छुपाया कि पुणे मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने उसे चिकित्सा सेवाएं देनें के लिए ब्लैकलिस्ट कर रखा है.

जांच एजेंसियां और ईडी क्या जांच कर रही है?

जांच एजेंसी ​​BMC स्वास्थ्य सेवाओं और कर्मचारियों के लिए ठेके देने में हुई हेरा-फेरी की जांच कर रही हैं. EOW कथित घोटाले के आपराधिक पहलू की जांच कर रही है. जबकि ED इस पूरे मामले में पैसे के लेन-देन का पता लगाने की कोशिश कर रही है.

कौन-कौन हुआ गिरफ्तार?

EOW ने अब तक राजू नंदकुमार सालुंके उर्फ ​​राजीव (48) और बाला रामचंद्र कदम उर्फ ​​सुनील (58) को गिरफ्तार किया है. सालुंखे लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के पार्टनर्स में से एक है.

EOW की जांच में पता चला है कि सालुंखे के बैंक खाते से कदम के बैंक खाते में करीब 82 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे.

कंपनी के बैंक खाते से कदम के बैंक खाते में 87.31 लाख रुपये और 45 लाख रुपये की रकम भी ट्रांसफर की गई. जब कदम से 87.31 लाख रुपये के लेन-देन के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल कंपनी के लिए किया गया था, लेकिन उन्होने इससे जुड़े कोई भी सहायक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसी तरह जब उनसे 45 लाख रुपये के लेनदेन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल कंपनी कार्यालय का किराया चुकाने के लिए किया गया था. हालांकि, मकान मालिक ने EOW को बताया कि उसे कदम से कोई पैसा नहीं मिला है.

किस-किस से हुई है पूछताछ?

EOW अब तक नगर निगम कमिश्नर आईएस चहल समेत BMC के कई अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है. ज्वाइंट म्युनिसिपल कमिश्नर (सुधार) रमेश पवार, जो उस समय उप नगर आयुक्त थे, से भी पूछताछ की गई है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×