महाराष्ट्र सरकार ने कोरोनावायरस से बुरी तरह प्रभावित मुंबई-पुणे औद्योगिक-वाणिज्यिक इलाके में महामारी से लड़ने के लिए औपचारिक रूप से पत्र लिखकर केरल सरकार से सहायता मांगी है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे द्वारा केरल की स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण मंत्री के. के. शैलजा से बात करने और कोरोना महामारी की चुनौतियों पर चर्चा करने के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया गया है.
डॉक्टरों और नर्सों की मांग
अब, महाराष्ट्र सरकार ने एक आधिकारिक पत्र भेजकर यहां महामारी संकट से निपटने के लिए डॉक्टरों और नर्सों की मांग की है. मेडिकल एजुकेशन और रिसर्च के डायरेक्टर निदेशक डॉ. टी.पी. लहाणे जो नोडल अधिकारी हैं, ने कहा कि निकट भविष्य में मुंबई और पुणे में कोरोना मामलों की संख्या बढ़ने की आशंका है. उन्होंने महाराष्ट्र के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों और नर्सों की 50 सदस्यीय टीम के लिए मंत्री शैलजा से अनुरोध किया है.
उनकी सेवाओं के लिए महाराष्ट्र एमबीबीएस डॉक्टरों को प्रतिमाह 80,000 रुपये और एमडी/एमएस विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रति माह दो लाख रुपये का भुगतान करने के लिए तैयार है, जिसमें फिजिशियन और गहन चिकित्सक शामिल हैं.
प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ के लिए, राज्य प्रति माह 30,000 रुपये का भुगतान करेगा.
महाराष्ट्र सरकार हर चीज करेगी मुहैया
महाराष्ट्र सरकार सभी आने वाले डॉक्टरों और नर्सों को आवास, भोजन, आवश्यक दवा और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण भी प्रदान करेगी. लहाणे के पत्र में कहा गया है, "मौजूदा स्थिति को देखते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई शहर के महालक्ष्मी रेस कोर्स में एक 600-बेड वाला कोविड हेल्थ केयर सेंटर स्थापित करने का फैसला किया है."
लहाणे ने कहा कि उन्होंने 'डॉक्टर्स विदाउट बॉडर्स इन साउथ इंडिया' के वाइस प्रेसीडेंट संतोष कुमार से बात की है, जो राज्य में आवश्यक हेल्थकेयर प्रोफेशनल को प्रदान करने में मदद करने के लिए सहमत हैं.
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