भारत में 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति वैक्सीन लगवा सकेंगे. इसके लिए रजिस्ट्रेशन 28 अप्रैल से शुरू होगा. फिलहाल बाजार में कोवैक्सिन और कोविशील्ड ही उपलब्ध होंगी. बाद में विदेशों से बुलवाई गई वैक्सीन भी उपलब्ध हो सकेंगी.
कोवैक्सिन और कोविशील्ड की कीमतों में अंतर
भारत में कोविशील्ड की कीमतों पर काफी विवाद हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में निजी अस्पतालों को जिस दर पर कोविशील्ड वैक्सीन दी जाएगी, वह कीमत दुनियाभर में सबसे ज्यादा है.
कंपनी ने राज्य सरकारों को 400 रुपये और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में वैक्सीन उपलब्ध करवाने की घोषणा की है. इस बीच भारत बॉयोटेक ने भी कोवैक्सिन की कीमतों का ऐलान कर दिया है. कोक्सिन राज्य सरकारों को 600 रुपये और निजी अस्पतालों को 1200 रुपये में उपलब्ध होगी.
इस हिसाब से सरकार को कोवैक्सिन खरीदने के लिए कोविशील्ड की तुलना में 200 रुपये ज्यादा और निजी अस्पतालों को 600 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे.
आम आदमी को कितना पैसा चुकाना होगा?
लेकिन सवाल यह है कि एक आम इंसान को कितना चुकाना होगा. अगर आप सरकारी अस्पतालों से वैक्सीन लगवाते हैं, तो फिलहाल कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है.
पर अबतक केंद्र सरकार वैक्सीन सप्लाई करती आई है, जिसे कोविशील्ड 150 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से मिल रहा था. यह दर शुरुआत में दिए गए 3000 करोड़ के एडवांस पर तय हुई थी. लेकिन राज्यों द्वारा 400 रुपये में कोविशील्ड और 600 रुपये में कोवैक्सिन खरीदे जाने पर क्या स्थिति होगी, इस बारे में अभी सरकारी अस्पतालों में जारी निशुल्क नीति में किसी तरह के बदलाव का नोटिस जारी नहीं हुआ है.
वहीं निजी अस्पतालों को कोविशील्ड 600 रुपये और कोवैक्सिन 1200 रुपये में मिलेगा. अंतिम व्यक्ति को यह किस रेट पर मिलेगा, इस पर संबंधित निजी अस्पताल द्वारा लगाई जाने वाली शुल्क (या निशुल्क) का प्रभाव पड़ेगा.
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