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सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ‘अनिवार्य आधार’ की डेडलाइन बढ़ी

इससे पहले पैन को आधार से जोड़ने की आखिरी तारीख 31 अगस्त तक थी

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सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ‘मेंडेटरी आधार’ की डेडलाइन 30 सितंबर से बढ़ाकर अब 31 दिसंबर कर दी गई है. मतलब आपको अगर इन योजनाओं का लाभ लेना है तो 31 दिसंबर के पहले आधार कार्ड बनवाना होगा.

आधार कार्ड को PAN कार्ड से लिंक करवाने की अंतिम तारीख अब भी 31 अगस्त ही है. हालांकि इसके आगे बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है.

भारत सरकार ने सब्सिडी और दूसरे सरकारी फायदों का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को जरूरी कर दिया है. सरकार ने PAN कार्ड को भी आधार से जोड़ने का आदेश दिया था.

टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, जब तक आधार, PAN से लिंक नहीं होगा, तब तक टैक्स रिटर्न्स फाइल नहीं हो सकेंगे. इस बीच कुछ लोगों ने PAN और आधार में अलग-अलग नाम होने के चलते, दोनों के जुड़ने में समस्या आने की बात कही थी.

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ऐसे PAN और आधार को करें लिंक

स्नैपशॉट
  • जिनका पैन और आधार पर एक जैसा नाम है. SMS भेजकर आधार को PAN से जोड़ सकते हैं
  • इसके लिए ये प्रोसेस अपनाएं- UIDPAN<स्पेस><12 अंकों का आधार नंबर><स्पेस>10 डिजिट पैन नंबर
  • यह जानकारी भरने के बाद SMS को 567678 या 56161 पर भेज दें. जैसे ही दोनों लिंक होंगे आपके पास मैसेज आ जाएगा
  • इसके अलावा आप www.incometaxindia.gov.in नाम की वेबसाइट पर भी जाकर आधार को PAN से लिंक कर सकते हैं

इसके अलावा नया पैन कार्ड बनाते वक्त एप्लिकेशन फॉर्म में ही आधार नंबर का जिक्र कर देने से दोनों लिंक हो जाएंगे.

यह भी पढ़ें: mAadhaar: अब मोबाइल में आपका ‘आधार’, जानें क्‍या है इसकी खासियत

...लेकिन राइट टू प्राइवेसी के चलते आधार पर है विवाद

पिछले कुछ दिनों से आधार कार्ड और प्राइवेसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विवाद चल रहा है. आरोप है कि आधार कार्ड में मांगी गई जानकारी से ‘राइट टू प्राइवेसी’ के मौलिक अधिकार का हनन होता है. आपको बता दें जो कानून मौलिक अधिकारों का हनन करेंगे, उन्हें निरस्त कर दिया जाता है.

केंद्र सरकार ने 1954 और 1962 की पीठ के फैसले का संदर्भ देते हुए कोर्ट में कहा कि राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकार नहीं है. इन केसों में कोर्ट ने राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकार नहीं माना था. हांलांकि बाद में अपेक्षाकृत छोटी पीठों ने इसे मौलिक अधिकार माना.

इस बार सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकार है. ये संविधान के आर्टिकल 21 के तहत आता है. सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया.

इस फैसले के बाद आधार के भविष्य पर ही सवाल उठने लगे थे. राइट टू प्राइवेसी पर ताजा फैसले को ध्यान में रखते हुए अब 5 जजों वाली पीठ नवंबर के पहले हफ्ते से आधार कार्ड मामले की सुनवाई करेगी.

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