रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने पाकिस्तान में सत्ता से बेदखल किए गए नवाज शरीफ के खुलासे को गंभीर करार दिया कि आतंकी संगठन देश में सक्रिय हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि इससे भारत का पक्ष साबित होता है कि 26/11 के मुंबई हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी थे. मीडिया की एक खबर के मुताबिक, पहली बार शरीफ ने पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाए कि आतंकियों को सीमा पार करने दिया गया और मुंबई में लोगों की हत्या करने दी गई. अब खबर है कि सोमवार को इस बयान पर चर्चा के लिए पाकिस्तानी सेना उच्चस्तरीय बैठक करेगी.
काफी गंभीर खुलासा है ये: रक्षामंत्री
सीतारमण ने कहा कि ये काफी गंभीर खुलासा है. भारत का ये कहना रहा है कि मुंबई आतंकी हमले का सरगना पाकिस्तान से काम कर रहा था. हमारा मानना है कि हमले के सूत्रधार पाकिस्तान में थे. उन्होंने कहा कि शरीफ की टिप्पणी सिर्फ साबित करता है कि भारत का रूख हमेशा ठीक था. पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को आजीवन सार्वजनिक पद पर रहने से बैन कर दिया है.
शरीफ ने कहा कि पाक को खुद को अलग-थलग कर रखा है. शरीफ ने डॉन अखबार से कहा ‘‘हमने खुद को अलग - थलग कर रखा है. बलिदान देने के बावजूद हमारी बातों को स्वीकार नहीं किया जा रहा है. अफगानिस्तान की बात स्वीकार की जा रही है लेकिन हमारी नहीं. हमें इस पर गौर करना होगा.''
असहयोगी रवैये के कारण देरी: पाकिस्तान
वहीं पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने रविवार को कहा कि भारत सरकार का ‘ असहयोगी रवैया ' और ‘ हठ ' मुंबई आतंकी हमले की सुनवाई के पूरा होने में सबसे बड़ी बाधा है. बता दें कि निसार की निगरानी में फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी ( FIA ) ने मुंबई हमले की जांच की थी. PML-N से नाराज चल रहे निसार ने कहा,‘‘ मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि मुंबई हमलों से जुड़े मामले की जांच में देरी या उसकी धीमी प्रगति पाकिस्तान के कारण नहीं बल्कि ये भारत के असहयोग और हठ का नतीजा है. ''
उन्होंने कहा कि ये हमला मुंबई में हुआ था इसलिए घटना से जुड़े ‘90 प्रतिशत साक्ष्य और तथ्य ' भारत सरकार के पास थे. निसार ने दावा किया , ‘‘ लगातार कोशिशों के बावजूद भारत ने एफआईए और पाकिस्तानी अदालतों द्वारा गठित जांच समितियों के साथ उन तथ्यों और साक्ष्यों को साझा नहीं किया. '' उन्होंने कहा कि एफआईए को अजमल कसाब से पूछताछ करने की इजाजत नहीं देना इस मामले में भारत सरकार की रुचि के अभाव को दिखाता है.
अजमल कसाब को दी गई थी फांसी
मुंबई हमले को 9 साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान में अब तक किसी भी संदिग्ध को दंडित नहीं किया गया है जिससे पता चलता है कि यह मामला देश के लिए कभी प्राथमिकता वाला नहीं रहा. इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे. लश्कर-ए-तैयबा के 10 हमलावर आतंकियों में से 9 को भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था और अजमल कसाब को जीवित पकड़ लिया था. बाद में कसाब को फांसी दे दी गई थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)