दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी (Delhi Excise policy) पर हंगामा मचा हुआ है. इस मामले में CBI ने जांच तेज कर दी है. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक आबकारी नीति मामले में दिल्ली समेत 7 राज्यों में 21 जगहों पर छापेमारी की जा रही है. मनीष सिसोदिया समेत 4 लोकसेवकों के खिलाफ FIR दर्ज है.
मालूम हो कि आबकारी नीति को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट जारी होने के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के अधीन आबकारी विभाग आता है.
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति क्या है?
सरकार द्वारा लागू की गई नई आबकारी नीति के अनुसार 850 ठेकेदारों को रिटेल लाइसेंस दिया जाना था, इसमें 266 ऐसे ठेकेदार भी हैं जो प्राइवेटली बिजनेस देख सकते थे. ये लाइसेंस 32 जोन में दिए जाने थे. नई नीति का उद्देश्य है कि पुरानी दुकानों की जगह नई दुकाने हो और राजस्व में बढ़ोतरी हो. नीति के अनुसार-
कुछ लाइसेंसधारियों को 24 घंटे काम करने की अनुमति है जबकि राष्ट्रीय राजधानी में होटल, क्लब और रेस्तरां में बार को रात 3 बजे तक संचालित करने की अनुमति है.
होटल, क्लब और रेस्तरां को कुछ शर्तों के साथ भारतीय और विदेशी दोनों शराब बेचने का अधिकार है, वे चाहें तो टेरेस या बालकनी में भी शराब सर्व कर सकते हैं अगर वो सार्वजनिक जगहों पर लोगों की नजरों से दूर हो तो.
बैंक्वेट हॉल, पार्टी प्लेस, फार्महाउस, मोटेल, वेडिंग/पार्टी/इवेंट वेन्यू के लिए एक नया लाइसेंस- एल-38 पेश किया है, जिसमें सालाना फीस पर परिसर में आयोजित सभी पार्टियों में भारतीय और विदेशी शराब सर्व करने की अनुमति है.
L-7V (भारतीय और विदेशी शराब) का लाइसेंस होने पर किसी भी बाजार, मॉल या नियमानुसार क्षेत्रों और लोकल शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में रिटेल शॉप खोली जा सकती है.
वे रिटेल शॉप जो एयर कंडीशन में हो वहां ग्लास के दरवाजे होने चाहिए. ग्राहकों को शॉप के बाहर भीड़ लगाने या वहां से सीधे शराब की खरीदारी करने की अनुमति नहीं होगी
शराब के ठेके पर सुरक्षा गार्ड होने चाहिए, ठेकेदार पर ही लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी होगी, परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाना भी जरूरी होगा.
शहर में 849 रिटेल शॉप्स होंगी, जिनमें पांच सुपर-प्रीमियम शॉप्स शामिल हैं.
उपराज्यपाल ने की थी CBI जांच की सिफारिश
मुख्य सचिव द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली एक्साइज एक्ट का उल्लंघन किया गया है, शराब बेचने वालों द्वारा ली जाने वाली लाइसेंस फीस माफ की गई है, बताया गया कि इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. साथ ही आबकारी विभाग को संभाल रहे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर आरोप हैं कि उन्होंने वैधानिक प्रावधानों और आबकारी नीति का उल्लंघन किया है और एक्साइज नीति लागू करते वक्त कई प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया.
रिपोर्ट में कहा गया कि नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने में जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया है.
आबकारी नीति पर बीजेपी के सवाल
मीनाक्षी लेखी ने पूछा कि 25 अक्टूबर 2021 को एक्साइज विभाग ने शराब बेचने वाली कंपनियों को जो नोटिस दिया था, उस पर आगे क्या कार्रवाई हुई?
कोरोना काल में जब लोगों को मदद की सबसे ज्यादा दरकार थी, उस वक्त शराब बेचने वाली कंपनियों को किस आधार पर छूट देकर उनकी 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ की गई?
एल-1 के टेंडर में शामिल एक कंपनी का 30 करोड़ का अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट किस आधार पर कंपनी को वापस किया गया?
विदेशी शराब और बियर के केन पर 50 रुपए प्रति केन की छूट किस प्रक्रिया के तहत दी गई?
एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दो जोन के ठेके कैसे दिए?
कार्टल पर पाबंदी के बावजूद शराब विक्रेता कंपनियों के कार्टल को लाइसेंस कैसे दिए गए?
कांग्रेस ने भी केजरीवाल पर दिल्ली को नशे में धकेलने के आरोप लगाए और एलजी द्वारा सीबीआई जांच की मांग का स्वागत किया था. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 की शर्तो का उल्लंघन किया और चुनिंदा कंपनियों को अवैध रुप से शराब लाइसेंस वितरण करने में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया. कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा था कि 32 जोन में विभाजित राजधानी में 849 ठेके खोलने की बोली निजी संस्थाओं और रिटेल लाइसेंस दिए और शराब माफिया के साथ मिलकर काम किया.
'आप' ने दिया था ये जवाब
आबकारी नीति को लेकर लग रहे आरोपों पर आम आदमी पार्टी ने जवाब दिया था कि, पहले- दिल्ली में शराब माफिया अवैध ठेकों से ₹3-4 हजार करोड़ का राजस्व चोरी करते थे, फिर- केजरीवाल सरकार नई आबकारी नीति लाई, शराब माफिया पर लगाम लगी और जनता का ₹3500 करोड़ बचाया, अब- बीजेपी वाले बौखला कर चक्का जाम कर दिल्ली की जनता को परेशान कर रहे हैं.
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