दिल्ली के कैब ड्राइवरों का कहना है कि उन्हें चालान से बचने के लिए फर्स्ट एड बॉक्स में कंडोम रखना पड़ रहा है. फर्स्ट एड बॉक्स में कंडोम न रखने से उनका चालान काटा जाता है. उनका कहना है कि उन्हें वजह तो नहीं बताई जाती है लेकिन फर्स्ट-ए़ड बॉक्स में कंडोम न हो तो चालान काटा जाता है. लेकिन दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि कंडोम न रखने पर वह कोई चालान नहीं काट रही है.
दिल्ली के कुछ कैब ड्राइवरों का कहना है कि वे फर्स्ट एड बॉक्स में दवाओं के साथ कंडोम भी रखते हैं. कंडोम न रखने पर दिल्ली पुलिस उनका चालान काट रही है.
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उधर, इस मामले में स्पेशल पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) ताज हसन ने सफाई देते हुए इससे साफ इनकार किया है. ताज हसन ने कहा, कंडोम को लेकर मोटर व्हीकल एक्ट में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है. फर्स्ट एड बॉक्स में कंडोम नहीं होने पर हम चालान नहीं काट रहे हैं.
क्या अफवाह के असर में ड्राइवर रख रहे हैं कैब में कंडोम ?
हालांकि कुछ खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि इस बारे में अफवाह फैलाई गई. कुछ ड्रावरों ने अपने साथी ड्राइवरों से कहा कि ट्रैफिक पुलिस फर्स्ट एड बॉक्स में कंडोम न रखने से उनका चालान काट रही है. इसके बाद ड्राइवरों ने फर्स्ट-एड बॉक्स में कंडोम रखना शुरू कर दिया. इसके बाद ही यह खबर फैलने लगी कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस फर्स्ट-एड बॉक्स में कंडोम न रखने से चालान काट रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई को कुछ ड्राइवरों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस ने वजह तो नहीं बताई लेकिन फर्स्ट-एड बॉक्स में दवाइयां होने के बावजूद उनका चालान काटा गया.
इस बारे में खबरें फैलने पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में कहीं भी फर्स्ट-एड बॉक्स में कंडोम रखने की अनिवार्यता का जिक्र नहीं है . इसलिए चालान काटने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
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