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दिल्ली में ब्लैक आउट का खतरा,केजरीवाल बोले- 'स्थिति गंभीर',2-3 दिन का बचा कोयला

दिल्ली में बिजली संकट के बीच अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी.

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कोयला संकट (Coal Crisis) की खबरों के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सोमवार, 11 अक्टूबर को शहर के बिजली संयंत्रों में कोयले के तेजी से घटते स्टॉक को लेकर आगाह किया है. अरविंद केजरीवाल वे कहा, "स्थिति गंभीर है और कई मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को इसके बारे में लिखा है. हम सभी स्थिति को सुधारने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं."

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इसके अलावा, दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को केंद्र सरकार से राहत देने के लिए आग्रह किया है. सत्येंद्र जैन ने एक ट्वीट कर कहा, "दिल्ली सरकार ने केंद्र की NTPC से एग्रीमेंट किया हुआ है जिसके तहत उन्हें दिल्ली को बिजली देनी होती है. अभी NTPC ने अपने प्लांट के ऊर्जा उत्पादन में 50% कटौती की है जिसकी वजह से दिल्ली को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है. केंद्र सरकार से अपील है कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाए."

बता दें कि राजधानी दिल्ली (Delhi) की जनता पर ब्लैकआउट का खतरा मंडरा रहा है. दिल्ली सरकार ने 9 अक्टूबर को कहा था कि अगर बिजली उत्पादन करने वाले पॉवर प्लांटों को होने वाली कोयले की आपूर्ति (coal supplies) में सुधार नहीं हुआ तो अगले दो दिनों में दिल्ली में ब्लैकआउट (Blackout) हो सकता है.

दरअसल, बिजली उत्पादन करने वाले प्लांटों में मौजूदा कोयले की कमी की बात कही जा रही है.

न्यूज एजेंसी एएनआई से सत्येंद्र जैन ने कहा,

"ज्यादातर बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी है. स्टॉक केवल दो से तीन दिनों के लिए बचा है. एनटीपीसी ने अपने संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को 55 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है. पहले हमें 4,000 मेगावाट बिजली मिलती थी लेकिन अब हमें उसमें से आधा भी नहीं मिल रही है."

दिल्ली में बिजली संकट

भारत में कोयले की आपूर्ति की कथित कमी के बीच टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के सीईओ गणेश श्रीनिवासन ने चेतावनी दी है कि, "दिल्ली में आने वाले दिनों में रुक-रुक कर लोड शेडिंग हो सकती है क्योंकि देश भर में कोयले की कमी है."

दिल्ली सरकार ने पीएम मोदी लिखा लेटर

दिल्ली सरकार ने पीएम मोदी को एक लेटर लिखा है और मदद की अपील की है. चिट्ठी के बारे में ट्वीट करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा,

"दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा हूं. हम इससे बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इस बीच, मैंने माननीय प्रधान मंत्री को एक पत्र लिखकर उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है."

चिट्ठी में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें पावर एक्सचेंज से 20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदनी पड़ रही है. यानी दिल्ली के लोगों को जो बिजली महज 4-5 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिल रही है, सरकार उसे 20 रुपये प्रति यूनिट की दर से पावर एक्सचेंज से खरीदती है.

अपने लेटर में सीएम केजरीवाल ने सुझाव दिया कि "दादरी और झज्जर जैसे अन्य संयंत्रों से पर्याप्त कोयले की आपूर्ति की जाए" दिल्ली को आपूर्ति की जाए. उन्होंने शहर को बिजली की आपूर्ति करने वाले बवाना, प्रगति-1 और जीटीपीएस संयंत्रों को गैस आवंटन का भी अनुरोध किया है.

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केंद्र सरकार ने कोयले की कमी से किया इंकार

दिल्ली के बिजली मंत्रालय, बीएसईएस और टाटा पावर के अधिकारियों ने देश में चल रही कोयले की कमी पर चर्चा करने के लिए रविवार, 10 अक्टूबर को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की. हालांकि, सिंह ने कोयले की किसी भी कमी से इनकार किया और कहा कि देश की बिजली उत्पादन के लिए रिजर्व स्टॉक है.

इस बीच, उत्तरी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इस हफ्ते बिजली कटौती की खबरें सामने आई थीं. राजस्थान ने भी शुक्रवार, 8 अक्टूबर को घोषणा की थी कि वह कोयला संकट से निपटने के लिए हर दिन एक घंटे के लिए निर्धारित बिजली कटौती करेगा.

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