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AAP सांसद संजय सिंह को झटका, दिल्ली आबकारी नीति केस में नहीं मिली जमानत

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत अर्जी पर 12 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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दिल्ली शराब नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. संजय सिंह को फिलहाल जेल में ही रहना पड़ेगा. इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार (21 दिसंबर) को संजय सिंह की जमानत पर सुनवाई हुई, लेकिन विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी और कहा कि वह शुक्रवार को फैसला सुनाएंगे.

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जमानत को इनकार करने का फैसला स्पेशल सीबीआई जज एमके नागपाल ने फैसला सुनाया.

ED ने जमानत का किया था विरोध

ईडी ने चल रही जांच का हवाला देते हुए जमानत याचिका का विरोध किया और चिंता व्यक्त की कि सिंह की रिहाई संभावित रूप से जांच में बाधा डाल सकती है, सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है और गवाहों को प्रभावित कर सकती है.

गुरुवार को अदालत ने मामले में AAP नेता की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी और ईडी को अपने पांचवें पूरक आरोप पत्र और संबंधित दस्तावेजों की एक प्रति उन्हें उपलब्ध कराने को कहा.

अदालत ने 19 दिसंबर को आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था और गुरुवार के लिए सिंह का प्रोडक्शन वारंट जारी किया था.

संजय सिंह ने क्या कहा?

सिंह ने दावा किया है कि उनके भागने का खतरा नहीं है और उनके खिलाफ गवाहों को प्रभावित करने का कोई आरोप नहीं है. उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि उन्हें जमानत दी जानी चाहिए, क्योंकि उनकी समाज में गहरी जड़ें हैं और "15 महीने तक ईडी या सीबीआई द्वारा जांच में मेरे हस्तक्षेप या प्रभावित करने का कोई आरोप नहीं है."

संजय सिंह के वकील ने क्या कहा?

मोहित माथुर ने कहा था कि चूंकि सिंह के खिलाफ पूरक आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है, इसलिए सबूतों के संग्रह के संबंध में कुछ हद तक अंतिम प्रक्रिया बाकी है जो उन्हें जमानत देने का आधार होना चाहिए.

वकील ने कहा था कि सिंह न तो आरोपी थे और न ही उन्हें कभी गिरफ्तार किया गया था, न ही उन पर कभी भी अपराध (उत्पाद घोटाले में कथित भ्रष्टाचार) की जांच की जा रही थी.

मोहित माथुर ने आगे दावा किया था कि उनकी गिरफ्तारी से पहले ईडी द्वारा दायर किसी भी पूरक आरोपपत्र में उनका नाम शामिल नहीं था.

अब वे कह रहे हैं कि मुझे रिश्‍वत मिली, लेकिन ईडी ने सह-अभियुक्त मनीष सिसोदिया से संबंधित मामलों में इस अदालत या ऊपरी अदालतों के समक्ष इस पैसे के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा, जब उन्होंने कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का फ्लो-चार्ट पेश किया था.
मोहित माथुर, वरिष्ठ अधिवक्ता

इससे पहले न्यायाधीश ने सिंह को एक सांसद के रूप में विकास कार्यों से संबंधित कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी थी. न्यायाधीश नागपाल ने संजय सिंह को कुछ चेकों पर हस्ताक्षर करने की भी अनुमति दी थी, क्योंकि उन्होंने अपने पारिवारिक खर्चों और एक सांसद के रूप में किए जाने वाले अन्य कार्यों के लिए ऐसा करने का अनुरोध किया था.

जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सिंह का उचित इलाज सुनिश्चित करें, जिसमें उनका निजी डॉक्टर भी शामिल हो.

अदालत को आरोपी को निजी इलाज से इनकार करने का कोई कारण नहीं दिखता. इसलिए, संबंधित जेल अधीक्षक को उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है.
अदालत
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4 अक्टूबर से जेल में हैं संजय सिंह

संजय सिंह, जिन्होंने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, को किसी भी राहत से इनकार कर दिया गया, क्योंकि न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने उनकी याचिका को समय से पहले बताते हुए खारिज कर दिया. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को बरकरार रखा था.

वित्तीय जांच एजेंसी ने 4 अक्टूबर को नॉर्थ एवेन्यू इलाके में उनके आवास पर तलाशी लेने के बाद सिंह को गिरफ्तार कर लिया.

(इनपुट-IANS)

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