दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति (Delhi Excise Policy): आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय को जवाब भेजा है. उन्होंने कहा कि समन "गैरकानूनी" है लेकिन फिर भी वह जवाब देने को तैयार हैं. AAP के अनुसार, केजरीवाल ने ईडी से 12 मार्च के बाद की तारीख मांगी है. उसके बाद अरविंद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल होंगे.
समन में नहीं पेश हुए केजरीवाल
प्रवर्तन निदेशालय ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले मामले में अरविंद केजरीवाल को अब तक आठ समन जारी किए हैं, जिसे सीएम ने नजरअंदाज कर दिया है. केजरीवाल ने उन्हें अवैध बताया है और एजेंसी को इंतजार करने के लिए कहा है क्योंकि मामला अदालत में है.
ED ने केजरीवाल को कब-कब जारी किए समन?
27 फरवरी को, ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 मामले में अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच में अरविंद केजरीवाल को आठवां समन जारी किया, और उन्हें 4 मार्च को जांच में शामिल होने के लिए कहा था.
इससे पहले ईडी द्वारा 26 फरवरी, 19 फरवरी, 2 फरवरी, 18 जनवरी, 3 जनवरी, 2 नवंबर और 22 दिसंबर को जारी किए गए पिछले समन को केजरीवाल ने "अवैध और राजनीति से प्रेरित" बताते हुए नजरअंदाज कर दिया और एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए.
ED ने कोर्ट में दायर की याचिका
जानकारी के अनुसार, जब पांच समन के बाद भी दिल्ली CM पूछताछ के लिए नहीं आए तो ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें 14 फरवरी को कोर्ट ने केजरीवाल से कहा था कि आप 17 फरवरी को अदालत में हाजिर होकर पेशी में न जाने की वजह बताएं, तब केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और बजट सेशन के कारण वर्चुअली कोर्ट में पेश हुए थे. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि हम अगली सुनवाई 16 मार्च को करेंगे. केजरीवाल उस दिन कोर्ट में पेश होंगे.
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं का दावा है कि जांच एजेंसी मौजूदा केंद्र सरकार के इशारे पर लोकसभा चुनाव से पहले सीएम को गिरफ्तार करना चाहती है.
ईडी ने केजरीवाल को क्यों जारी किया समन?
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत सीएम अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है.
क्या है दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति?
जानकारी के अनुसार, साल 2021 में दिल्ली सरकार द्वारा ने नई आबकारी नीति लाई गई थी. जिसका ऐलाना तात्कालीक डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च को किया था. इस पॉलिसी के तहत सरकार ने दावा किया कि शराब माफिया के राज खात्मा होगा और सरकारी खजाने में इजाफा होगा. लेकिन नई आबकारी नीति लागू होने के बाद राजधानी में ज्यादातर शराब ठेकों पर कीमतें कम हो गईं.
AAP के दो नेता गिरफ्तार
इस नीति को लेकर विपक्ष पहले से ही हमलावर था लेकिन जब सरकार ने 28 जुलाई से नई नीति के जगह पुरानी पॉलिसी फिर से लागू कर दी. इसके बाद से इस पर विवाद बढ़ गया.
अब सीबीआई और ईडी दिल्ली में खत्म की जा चुकी शराब घोटाले की जांच कर रही है. 2021-22 में हुए इस घोटाले में कुछ खास शराब डीलरों को फायदा पहुंचाने का आरोप है. हालांकि, AAP इन आरोपों का खंडन करती है.
जांच एजेंसी ने इस मामले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह से भी पूछताछ की है और फिलहाल दोनों लंबे समय से जेल में बंद हैं.
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