एक अदालत ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर मंगलवार (12 दिसंबर) को आदेश सुरक्षित रख लिया. विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत 21 दिसंबर को शाम 4 बजे फैसला सुनाएगी.
AAP के राज्यसभा सदस्य चार अक्टूबर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं.
कोर्ट में क्या हुआ?
बहस के दौरान, सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने न्यायाधीश को बताया कि ईडी ने 4 अक्टूबर, 2023 से पहले एक बार भी आरोपी को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया था.
वकील ने दावा किया कि आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा और अन्य गवाहों के बयानों में विरोधाभास हैं.
दिनेश अरोड़ा का बयान अफवाह है. कोई कैसे मान सकता है कि वह सच कह रहा है. वह एक "दागी" गवाह और "दोषी साथी" है.मोहित माथुर, वरिष्ठ अधिवक्ता, संजय सिंह
"जमानत मिलने पर जांच प्रभावित कर सकते हैं AAP MP"
माथुर ने न्यायाधीश से कहा, "मैं (सिंह) रिहाई की मांग नहीं कर रहा हूं. मैं केवल जमानत की मांग कर रहा हूं. मेरी व्यक्तिगत स्वतंत्रता संविधान में दी गई है."
ईडी ने आवेदन का विरोध करते हुए दावा किया कि जांच अभी भी चल रही है, और अगर जमानत पर रिहा किया गया, तो सिंह जांच में बाधा डाल सकते हैं, सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
इस बीच, अदालत ने ईडी को दो दिन के भीतर लिखित प्रस्तुतियां, यदि कोई हो, दाखिल करने के लिए कहा, और संजय सिंह को एजेंसी की प्रस्तुतियां के एक दिन के भीतर उसका जवाब दाखिल करना होगा.
संजय सिंह पर क्या आरोप?
मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एजेंसी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. ईडी ने आरोप लगाया है कि सिंह ने अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को मौद्रिक लाभ हुआ.
हालांकि, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दावे को खारिज कर दिया है और किसी भी गलत काम से इनकार किया है.
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