दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. इस धरने की वजह से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन प्रदर्शनकारियों से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड खाली करने की अपील की है. लेकिन प्रदर्शनकारी अभी भी डटे हुए हैं.
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा, "हम प्रदर्शनकारियों से एक बार फिर आग्रह करते हैं कि वो जनहित के लिए सड़क को खाली कर दें."
हम शाहीन बाग में रोड नंबर-13 ए पर जमे आंदोलनकारियों से अपील करते हैं कि वो दिल्ली-एनसीआर के निवासियों, वरिष्ठ नागरिकों, आपातकालीन मरीजों और स्कूल जाने वाले बच्चों की समस्या को भी समझे.दिल्ली पुलिस
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के मद्देनजर मंगलवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड पर यातायात सुगम बनाए और इस समस्या से समयबद्ध तरीके से कानून के अनुसार निपटे. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से रास्ता खोलने की भी अपील की थी.
CAA के खिलाफ कई शाहीन बाग चाहते हैं प्रदर्शनकारी
शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ धरने पर बैठीं कुछ महिलाओं ने शुक्रवार को जुमे की नमाज भी यहीं सड़क पर पढ़ी. वहीं कुछ हिंदू और सिख प्रदर्शनकारी इस दौरान महिलाओं के लिए खाने का इंतजाम करने में जुटे रहे. इस दौरान यहां मौजूद सभी प्रदर्शनकारियों ने फिर दोहराया कि सरकार जब तक सीएए वापस नहीं लेगी, वो लोग वापस नहीं लौटेंगे.
शाहीन बाग में प्रदर्शन की शुरुआत करने वाले कुछ लोग हालांकि अब बाकी के प्रदर्शनकारियों से अलग राय रखते हैं. ऐसे ही एक युवक शरजील इमाम का कहना है कि शाहीन बाग को पिकनिक स्पॉट बना दिया गया है. उन्होंने कहा, "जो लोग अपना समर्थन देना चाहते हैं, वे कुछ घंटे के लिए यहां आते हैं बैठते हैं और चले जाते हैं. इस सब से हासिल क्या हो रहा है और आगे क्या हासिल होगा."
CAA को निरस्त करने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखेंगे
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र, जामिया नगर और शाहीन बाग के लोग राष्ट्रपति को पत्र लिखकर जल्द ही नागरिकता कानून को निरस्त करने की मांग करेंगे. जामिया मिल्लिया के पूर्व छात्रों के संगठन के अध्यक्ष शिफा-उल-रहमान ने कहा, "हमें इस मामले में राष्ट्रपति को भेजने के लिए लोगों के 50,000 पोस्टकार्ड मिले हैं. ये सभी पत्र राष्ट्रपति के पास भेजे जाएंगे. "
उन्होंने कहा कि छात्रों और लोगों ने अब तक 15,000 से ज्यादा पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिन्हें अगले हफ्ते राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
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